कोटद्वार-पौड़ी

विदेश में अध्ययन के इच्छुक छात्रों की समस्याओं का समाधान किया जाय: अभाविप

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने केंद्र सरकार से विदेश में पढ़ने के इच्छुक छात्र-छात्राओं की समस्याओं का निस्तारण करने की मांग की है। परिषद के पदाधिकारियों ने कहा कि 18 वर्ष से कम आये के छात्र जो टीकाकरण की आयु सीमा में नहीं आते है, ऐसे में छात्र विदेशों के विश्विद्यालयों में प्रवेश नहीं ले पा रहे है। जिस कारण उनके शैक्षणिक नुकसान होने का खतरा है। परिषद ने इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री को ज्ञापन भेजा है।

अभाविप के नगर मंत्री नितिन दिवाकर ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया कि संगठन के प्रदेश मंत्री काजल थापा ने केंद्रीय स्वास्थ्य और कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को प्रेषित पत्र में कहा कि विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए भारतीय छात्र संघर्ष कर रहे है। संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय देशों सहित कई देश कोवैक्सीन का टीका लगवाने वाले भारतीय छात्रों को ‘अवांछित’ या टीकारहित मान रहे हैं। इस तरह के व्यवहार से भारतीय छात्रों को गंभीर असुविधा और शैक्षणिक नुकसान होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक द्वारा आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से किए गए रोग विषयक परीक्षणों में कोवैक्सीन वायरस के विरुद्ध 78 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है। प्रदेश मंत्री काजल थापा ने कहा कई उच्च माध्यमिक छात्र विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन करते हैं,18 वर्ष से कम आयु के छात्र जिन्होंने अमेरिकी या ब्रिटिश विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए सैट पास किया है, जो अभी तक टीकाकरण नीति के अन्तर्गत नहीं आते हैं, ऐसे में बाहर के विश्विद्यालयों के ऐसे रवैये से उनके शैक्षणिक नुकसान होने का खतरा है। अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि अनिश्चितता और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अभाविप ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री से अनुरोध किया कि वे विदेश में पढ़ने के इच्छुक छात्रों के सामने आने वाली समस्याओं को देखें और तुरंत उनका समाधान करें। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से जल्द से जल्द इस संबंध में एक बयान जारी करने का भी अनुरोध किया है, ताकि छात्रों और उनके परिजनों की चिंताओं को दूर किया जा सके। साथ ही सरकार से डब्ल्यूएचओ और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ गतिरोध को समाप्त करने का प्रयास करने का भी अनुरोध किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!