उत्तराखंड

न्याय व फास्ट ट्रैक कोर्ट विषय पर हुई दो दिवसीय गोष्ठी

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काशीपुर। भारतीय प्रबंधन संस्थान के सार्वजनिक नीति और सरकार में उत्ष्टता केंद्र द्वारा आईआईएम परिसर में न्याय व फास्ट ट्रैक कोर्ट विषय पर दो दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान महिलाओं को फास्ट ट्रैक कोर्ट के अधिकार क्षेत्र, लाभ के साथ हिंसा और भेदभाव से सुरक्षा के कानूनी प्रावधान भी बताए। संगोष्ठी में देश के विश्वविद्यालयों के दो सौ से अधिक प्रतिनिधियों, छात्रों, शोध विद्वानों और अधिवक्ताओं ने प्रतिभाग किया। सोमवार को आयोग अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि महिलाओं को न्याय दिलाने के लिये फास्ट ट्रैक कोर्ट विशेष अदालत है। जिसमें महिलाओं को जल्द न्याय मिलने की उम्मीद रहती है। जबकि नियमित अदालत में न्याय मिलने में देरी की संभावना रहती है। उद्घाटन भाषण में अलबामा विश्वविद्यालय यूएसए के प्रो़ अखलाक हक ने अमेरिका में न्याय प्रणाली के उदाहरण प्रस्तुत किए। सेमिनार में एससी गुड़िया कलेज अफ ल काशीपुर और वासुदेव कलेज अफ ल, हल्द्वानी के फैकल्टी और छात्रों के अलावा अन्य राज्यों के कई आमंत्रित शोधकर्ताओं ने शोध पत्र प्रस्तुत किए। राष्ट्रीय विधि आयोग के पूर्व सदस्य और आईआईएलएम विश्वविद्यालय के प्रो़ अफजल वानी ने महिलाओं को अपराध कम करने की जानकारी दी। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश, ऊधमसिंह नगर शादाब बानो ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा और भेदभाव के खिलाफ सुरक्षा के रूप में कानूनी प्रावधानों और न्यायपालिका की भूमिका पर चर्चा की। प्रो़रवींद्र सैनी ने महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न प्रावधानों और योजनाओं को अपनाने के बाद भी भारत में बढ़ते लिंग अंतर के बारे में बताया। यहां मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मोहम्मद यूसुफ, आईआईएम निदेशक प्रो़क कुलभूषण बलूनी, आईआईएम के प्रोफेसर व संगोष्ठी के आयोजन सचिव बहरुल इस्लाम, चंद्रशेखर जोशी, प्रो़ हेमलता सैनी, प्रो़ अरशद हुसैन, प्रो़राजेश सिंह, प्रो़ शिवनारायण, प्रो़ अमदुद्दीन अहमद, प्रो़ एम नासिर आदि रहे।

 

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