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आबादी के बीच कोरोना संक्रमित के अंतिम संस्कार करने पर हंगामा

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हल्द्वानी। राजपुरा मुक्ति धाम में कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। मरने वालों की संख्या बढ़ने के साथ यहां रोजाना होने वाले संस्कार भी बढ़ गए हैं। सोमवार को स्थानीय लोगों ने घाट में पहुंचकर जमकर हंगामा किया। उनका कहना है कि आबादी के बीच अंतिम संस्कार होने से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। साथ ही सामान्य रूप से मरने वाले लोगों की क्रिया में इससे दिक्कत हो रही है। प्रदर्शन करने वाले लोगों का कहना है कि मुक्ति धाम के अंतिम संस्कार स्थल की बाउंड्री वॉल के पीछे करीब 100 परिवार रहते हैं। यहां अचानक संस्कारों बढ़ गए हैं। रोजाना 10 से ज्यादा कोरोना से मरने वालों के शव जलाए जा रहे हैं। सुबह से देर रात तक मृतकों की अंतिम क्रिया हो रही है। इस वजह से उनका रहना मुश्किल हो गया है। धुएं और गंध से काफी परेशानी हो रही है। यह भी आरोप है कि इतने शव आ रहे हैं कि अधजले शवों को राख के साथ घाट की दूसरी ओर डाला जा रहा है। इसके अलावा धुएं से सांस लेना मुश्किल हो रहा है। लोगों दो टूक शब्दों में कहा है कि अगर प्रशासन जल्द ही कोरोना से मरने वालों के संस्कार के लिए अलग व्यवस्था नहीं करेगा तो आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन करने वालों में सुशील कुमार, राजेश, लाखन, गौरव, कुलदीप आंबेडकर आदि मौजूद रहे।
स्थानीय लोगों की सूचना पर मैं मुक्ति धाम पहुंचा। यहां वाकई स्थिति खराब है। कोरोना से हो रही दर्दनाक मौतें दुखद हैं। मगर, प्रशासन को घाट के पास की आबादी का ध्यान रखते हुए मृतकों के शवों के अंतिम संस्कार के अन्य खुले स्थान पर व्यवस्था करनी चाहिए। घाट के पीछे जहां चिता की राख डाली जा रही है उसमें अधजले शव होने की शिकायत भी लोगों ने की है। – महेश चंद्र, पार्षद

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