उत्तराखण्ड आंदोलनकारियों को न्याय मिलने तक जारी रहेगा संघर्ष
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। आंदोलनकारी अधिवक्ता संघ उत्तराखण्ड के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिक्वता रमन कुमार शाह ने कहा कि 26 साल से मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे है। उत्तराखण्ड आंदोलनकारियों को न्याय मिलने तक यह संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर कांड के अभियुक्तों की जमानत खारिज की जाय।
शुक्रवार को तहसील परिसर स्थित बार सभागार में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रमन कुमार शाह ने कहा कि उत्तराखण्ड की राजनीति एवं अस्मिता संघर्ष अलग-अलग विषय है। उत्तराखण्ड के राजनीतिक दल मुजफ्फरनगर की घटना को महज एक हादसा मानते है, लेकिन उत्तराखण्ड वासी आज भी न्याय के लिए विभिन्न न्यायालयों में संघर्षरत है। उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन कारियों द्वारा 1 सितम्बर 1994, 2 सितम्बर मसूरीकांड, मुजफ्फरनगर कांड देहरादून, कोटद्वार, नैनीताल की शहादती जंग का परिणाम है। उन्होंने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय इलाहबाद ने अपने निर्णय में स्पष्ट कहा है कि उत्तराखण्ड आंदोलनकारियों का मानव अधिकार का हनन हुआ है। तत्कालीन सरकार को 10 लाख रूपये प्रत्येक मृतक के परिवार को देने व 10 लाख रूपये प्रत्येक बलात्कार से पीड़ित महिला आंदोलनकारी को देने के निर्देश दिये। साथ ही सीबीआई को उत्तराखण्ड की सभी हत्याओं की जांच के आदेश दिये। सीबीआई ने अपनी जांच में दो हत्याओं, 7 बलात्कार एवं 17 महिला की अस्मिता भंग मामले की पुष्टि अपनी जांच में की। सीबीआई ने आरोप विभिन्न न्यायालयों में प्रस्तुत किये। उन्होंने कहा कि हमारा संघर्ष केवल उन पुलिस कर्मियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों से विरूद्ध है जिनके विरूद्ध सीबीआई ने आरोपपत्र दायर किया है। रमन शाह ने कहा कि कुमाऊं व गढ़वाल मंडल के दो प्रतिनिधि मंडल मुजफ्फरनगर बार में जाकर पुन: अपना पक्ष रखेगें तथा मुकदमों में पेश होने की अनुमति लेगें। गढ़वाल मंडल के प्रतिनिधि मंडल में जगमोहन सिंह नेगी, कुलदीप अग्रवाल, धर्मदीप अग्रवाल के निर्देशन में किया जायेगा, क्योंकि ये वही अधिवक्ता है जो कफ्र्यू के दौरान मुजफ्फरनगर बार में सहायता लेने के लिए 1994 में गये थे। इसके अलावा महेन्द्र सिंह रावत अध्यक्ष आंदोलनकारी मोर्चा कोटद्वार, जगमोहन सिंह अध्यक्ष आंदोलनकारी मंच शहीद देहरादून को शामिल किया गया है। इस मौके पर महेन्द्र सिंह रावत, भगवती प्रसाद कंडवाल, गुलाब सिंह रावत आदि मौजूद थे