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कण्वाश्रम के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध: डॉ. हरक

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
वैदिक आश्रम गुरूकुल महाविद्यालय कण्वाश्रम कोटद्वार में आयोजित छ: दिवसीय गायत्री और सवा लाख महामृत्युंजय महायज्ञ रविवार को विधि-विधान और मंत्रोचार के साथ सम्पन्न हो गया है। इस मौके पर प्रदेश के काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने पूर्णाहुति देकर क्षेत्र की खुशहाली, आपसी भाईचारे और शांति की कामना की। वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है। कण्वाश्रम के बेहतर विकास के लिए योजनाएं बनाई गई है। प्रदेश सरकार द्वारा भरत जन्म स्थली कण्वाश्रम का चहुंमुखी विकास किया जा रहा है। इससे जल्द ही कण्वाश्रम को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। कण्वाश्रम का विकास होने से स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
रविवार को आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के संस्थापक डॉ. विश्वपाल जयंत ने सभी उपस्थित लोगों गायत्री एवं महामृत्युंजय मत्रों का जाप करने की अपील कर की। यज्ञ ब्रह्मा आचार्य वीरेश्वर शास्त्री और यशवीर शास्त्री ने विधि-विधान से हवन कराते हुए स्थानीय विधायक एवं प्रदेश के वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत समेत सभी उपस्थित लोगों से हवन कुण्ड में पूर्णाहुति दिलवाकर कार्यक्रम का समापन करवाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि सरकार कण्वाश्रम के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। कण्वाश्रम के विकास के लिए योजनाएं बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि कण्वाश्रम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास कर रहे है। वर्तमान में कण्वाश्रम टाइगर रिर्जव पार्क और राजाजी नेश्नल पार्क के मध्य में होने से इसकी महत्तवता और अधिक बढ़ जाती है। चक्रवर्ती वीर भरत की जन्मस्थली और महर्षि कण्व की तपोस्थली एक एतिहासिक और दिव्य भूमि है। इस मौके पर गुरुकुल के ब्रह्मचारियों और योग साधकों की ओर से योग कार्यक्रम एवं शारीरिक व्यायाम का प्रदर्शन भी किया गया। कार्यक्रम में डॉ. वालियान, डॉ. राजवीर शास्त्री, संजय रावत, सचिन, मनोज, सुधीर, प्रदीप, वन मंत्री के जनसम्पर्क अधिकारी सीपी नैथानी, ओमपाल सिंह, नन्दन सिंह रावत, विनय कुमार गिल, डॉ. बलराम सिंह आदि मौजूद थे।

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