उत्तराखंड

हिन्दी भाषा की वैज्ञानिक उपयोगिता पर कार्यशाला आयोजित

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अल्मोड़ा। विवेकानन्द पर्वतीय षि अनुसंधान संस्थान में हिन्दी भाषा की वैज्ञानिक उपयोगिता पर कार्यशाला हुई। कार्यशाला में राजभाषा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। वैज्ञानिक अनुसंधान के प्रचार-प्रसार में हिन्दी का अधिक से अधिक प्रयोग करने की अपील की।
संस्थान में हुई कार्यशाला में निदेशक ड लक्ष्मी कान्त ने संस्थान के कार्यों व राजभाषा के महत्व के बारे में बताया। कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधान के प्रचार-प्रसार में हिन्दी भाषा का प्रयोग करने की जरूरत है। ड प्रीति आर्या ने कहा कि आजकल अंग्रेजी को ज्यादा प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस कारण हिन्दी स्थापित नहीं हो पा रही है। कहा कि हिन्दी को विश्व की तीसरी भाषा के रूप में देखा जा रहा है। चिकित्सा के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी हिन्दी उभर रही है। उन्होंने केंद्रीय हिन्दी आयोग व राजभाषा विभाग की ओर से बनाई गई शब्दावली के वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाले शब्दों को व्यवहार और शोध में उपयोग करने की बात कही। इसके अलावा संस्थान के कार्यों व विज्ञान के महत्व पर भी चर्चा हुई। यहां ड निर्मल कुमार हेडाऊ, ड बृज मोहन पाण्डे, प्रभारी राजभाषा अधिकारी रेनू सनवाल, ड प्रियंका खाती आदि रहीं।

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