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जिला पंचायत पौड़ी फिर विवादों में, लेखाकार को किया कार्यमुक्त

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी।
जिला पंचायत प्रशासन पौड़ी ने लेखाकार को एकतरफा कार्यमुक्त कर निदेशालय भेज दिया है। जिसके पीछे प्रशासनिक व नियोजन समिति के अनुमोदन को कारण बताया गया है। समिति में शामिल सदस्यों ने लेखाकार को हटाए जाने के किसी भी प्रस्ताव को सदन में रखे जाने से इंकार किया है। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष ने कार्रवाई को सदन में सदस्यों द्वारा लेखाकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए जाने के बाद लिया गया कदम बताया है।
जिला पंचायत प्रशासन पौड़ी एक बार फिर विवादो में आ गया है। हमेशा से अपनी गैरजिम्मेदार कार्यशैली को लेकर चर्चाओ में रहे जिला पंचायत प्रशासन पौड़ी ने लेखाकार को एकतरफा कार्यमुक्त कर निदेशालय भेज दिया है। प्रभारी अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत पौड़ी संतोष खेतवाल ने आदेश जारी किया है। आदेश में 22 मार्च 2021 को स्वर्गाश्रम में संपन्न हुई जिला पंचायत की बोर्ड बैठक में नियोजन समिति व प्रशासनिक समिति द्वारा प्रस्ताव के अनुपालन में लेखाकार को हटाए जाने की बात लिखी गई है। प्रशासनिक समिति की सदस्य व जिला पंचायत सदस्य चैंधार आरती नेगी, नियोजन समिति के सदस्य व जिला पंचायत सदस्य टीला गणेश नेगी राठी व जिपं सदस्य कोटा सीमा सजवाण ने कहा कि जिला पंचायत की ओर से क्षेत्र में किए जा रहे विकास कार्यों का समय पर भुगतान नहीं हो रहा है। जिसको लेकर सदन में लेखाकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए थे। लेकिन किसी भी सदस्य की ओर से उन्हें हटाए जाने का कोई भी प्रस्ताव सदन में नहीं रखा गया था। जिपं सदस्य डोभ-श्रीकोट मेहरबान सिंह नेगी ने कहा कि जिपं पौड़ी में लगातार वित्तीय अनियमितताएं की जा रही है। जो भी अधिकारी-कर्मचारी मनमाने काम नहीं होने देता, उस अधिकारी-कर्मचारी को हटा दिया जाता है। मामले में चौकाने वाली बात यह है कि प्रभारी एएमए ने नियमित कर्मचारी को हटाने का आदेश जारी किया है। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी ने कहा कि बोर्ड बैठक व शिविर में सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालो के बाद भी कार्रवाई अमल में लाई गई है।

न्यायालय की शरण में जाएंगे लेखाकार
पौड़ी।
जिला पंचायत पौड़ी से एकतरफा कार्यमुक्त किए गए लेखाकार हरेंद्र सिंह नेगी ने फैसले के खिलाफ न्यायालय की शरण में जाने का निर्णय लिया है। नेगी ने कहा कि जिला पंचायत पौड़ी में जल्द पुन: बहाली नहीं किए जाने पर न्यायालय में फैसले को चुनौती दी जाएगी।
हरि चंद्र सेमवाल, प्रभारी सचिव व निदेशक पंचायतीराज उत्तराखंड का कहना है कि मामला संज्ञान में नहीं है। मामले के कारणों का संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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