उत्तराखंड

16 साधुओं को मिली शीतकाल में बदरीनाथ में रहने की अनुमति

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चमोली। शीतकाल में छह माह के लिए बदरीनाथ के कपाट बंद होने पर इस अवधि में बदरीनाथ में रहकर साधना करने के लिए इस बार 16 साधुओं को अनुमति मिली है। ये साधक शीतकाल में बर्फ के वातावरण में विश्व के कल्याण के लिए भगवान बदरी विशाल से प्रार्थना और साधना करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बदरीनाथ की भव्यता के लिए यहां चल रहे ड्रीम प्रोजेक्ट बदरीनाथ मास्टर प्लान के तहत निर्माण कार्यों में जुटे श्रमिकों और कर्मियों को भी शीतकाल में बदरीनाथ में रहने की अनुमति की दरकार है। जोशीमठ की एसडीएम कुमकुम जोशी ने बताया कि 16 साधुओं को साधना करने हेतु शीतकाल में बदरीनाथ में रहने की अनुमति दी गई है। बताया कि कुछ अन्य लोगों ने भी शीतकाल में बदरीनाथ में रहने की अनुमति मांगी है। आवेदकों के प्रपत्रों और आवेदकों के पुलिस वैरीफिकेशन समेत आवश्यक तथ्यों की जांच के बाद ही इनके आवेदनों पर विचार होगा। बताया कि बदरीनाथ में शीतकाल में रहकर साधना करने के लिए स्वामी श्याम दास, आत्म प्रकाश, स्वामी अदृश्या नंद, आसरा कुमार सहित 16 साधुओं ने अनुमति मांगी है। बताया जा रहा है बदरीनाथ में मास्टर प्लान के अंतर्गत कार्य किए जा रहे हैं। इसके लिए श्रमिकों की आवश्यकता होगी। इसी के तहत ठेकेदारों, निर्माण एजेंसियों ने श्रमिकों और कर्मिकों को शीतकाल में भी बदरीनाथ में रहने की अनुमति मांगी है। एसडीएम कुमकुम जोशी ने बताया अनुमति के लिए जो प्रार्थना पत्र आये हैं, उन पर कार्रवाही के लिए आवेदकों से संबंधित जांच, पुलिस वैरीफिकेशन की प्रक्रिकया चल रही है। आख्या मिलने पर अनुमति दी जा सकती है। बताया कि शीतकाल में यहां अवैध अतिक्रमण नहीं हो सके, इस पर प्रशासन की चौकस निगाहें रहेगी।

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