कोटद्वार-पौड़ी

अंगद-रावण संवाद की लीला का हुआ मंचन

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार:भाबर के कण्वघाटी में श्री ओंकारेश्वर रामलीला कमेटी की ओर से रामलीला मंचन 13वें दिन भी जारी रही। यहां हनुमान की लंका से वापसी, विभीषण का शरणागत होने और अंगद-रावण संवाद की लीला का मंचन किया गया। वहीं, दुगड्डा में भी सीता खोज की लीला का मंचन किया गया। रामलीला देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी हुई थी।
कण्वघाटी में मंचन की शुरुआत पार्षद मंजुल डबराल और राजगौरव नौटियाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मंचन के शुरू में लंका दहन के बाद हनुमान की वापसी होती है। वे श्रीराम को माता सीता की कुशलक्षेम बताते हैं। विभीषण रावण को माता सीता को वापस कर राम भगवान से माफी मांगने का सुझाव देते हैं। इसके बाद विभीषण राम की शरण में आ जाते हैं। भगवान राम युद्ध को टालने के लिए अंगद को रावण के दरबार में शांतिदूत बनाकर भेजते हैं। वह रावण को सुझाव देता है कि भगवान राम के पैर पड़ने में ही उनका कल्याण है। निर्देशन व संचालन अनिल बलूनी ने किया। इस अवसर पर समिति अध्यक्ष मदन मोहन सिंह रावत, सौरव रावत, मनोज नेगी, शुभम रावत, विनोद पोखरियाल, सतेंद्र रावत मौजूद रहे। वहीं, दुगड्डा में सीता हरण के बाद भगवान राम, लक्ष्मण व वानर सेना माता सीता की खोज में निकलती है। इस मौके पर प्रदीप बड़ोला, नफीश अहमद, नरेंद्र, वीरेंद्र आदि मौज्ूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!