कोटद्वार-पौड़ी

बाघ की दहशत बरकरार, घरों में कैद हुए ग्रामीण

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: नैनीडांडा के बैडहाट मोछण में बाघ को लेकर अभी तक कोई सफलता नहीं मिल पाई। वन विभाग ने यहां तीन पिंजरे लगा रखे है। जबकि ट्रैंक्यूलाइज टीम के साथ ही बाघ को कैद करने के लिए ट्रैप कैमरे भी लगाए गए हैं लेकिन बाघ इनमें कैद नहीं हुआ। वहीं क्षेत्र के आस-पास के सभी स्कूल भी अभी बंद ही चल रहे हैं। बाघ के इस सक्रिय होने के कारण ग्रामीणों ने दहशत बनी हुई हैं।
वन अफसरों के मुताबिक कालागढ़ टाइगर रिजर्व से लगा यह इलाका काफी लंबा है। बाघ यहां सक्रिय है और गुर्राने की आवाज भी ग्रामीण सुन रहे हैं लेकिन न तो पिंजरों की तरफ ही आ रहा है और नहीं यहां लगे कैमरों में उसकी लोकेशन आ रही है। ऐसे में ट्रेंक्यूलाइज टीम के भी हाथ खाली है। बाघ पर नजर रखने के लिए विभागीय टीम भी साथ में ही हर दिन गश्त कर रही है लेकिन टीम को भी बाघ नहीं दिखाया दिया। बैहहाट मोछण में बीती 3 अक्तूबर को महिला को मार दिया था। तब से यहां ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। वन विभाग की जांच अभी तक यह साफ हुआ कि यह वही बाघ है जिसने नैनीडांडा के भैडगांव में भी एक व्यक्ति को मार दिया था। यानी बाघ ने अब तक दो लोगों को अपना निवाला बना दिया। इससे विभाग की चुनौती और बढ़ गई है। बाघ के इस क्षेत्र में सक्रिय होने के कारण बीती 5 अक्तूबर से अभी तक यहां आस-पास के आधा दर्जन स्कूलों को बंद किया हुआ है। इसके साथ ही नैनीडांडा हल्दूखाल मोटरमार्ग पर शाम छह बजे बाद दोपहिया वाहनों को भी नहीं चलने दिया जा रहा है। वन क्षेत्राधिकारी महेंद्र रावत ने बताया कि यहां ट्रैप कैमरों को भी शिफ्ट किया गया है ताकि बाघ की लोकेशन का पता चल सके। वहीं पुलिस इसके लिए लोगों को जागरूक भी कर रही है। पौड़ी की एसएसपी श्वेता चौबे ने बताया कि नैनीडांडा क्षेत्र में चौकी प्रभारी भावना भट्ट और उनकी टीम अपने स्तर से भी बाघ प्रभावित गांवों में लोगों को पूरी सतर्कता बरतने के लिए कह रही है। सिमली, केलधार, मोछण, बैडहाट आदि में बाघ की दहशत ग्रामीणों में बनी है। सड़क पर दो पहिया वाहनों से लोग अकेले सवारी न करे इसके लिए पुलिस ने एलाउंसमेंट भी किया है। समय-समय पर लोगों को बताया भी जा रहा है। ग्रामीणों और महिलाओं को अकेले जंगल की ओर न जाने की हिदायत भी दी गई है।

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