उत्तराखंड

अल्मोड़ा कारागार में धूमधाम से मनाया गया अगस्त क्रांति दिवस

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अल्मोड़ा। अगस्त क्रांति दिवस ऐतिहासिक अल्मोड़ा कारागार परिसर में बड़ी धूम धाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ नेहरू वार्ड में पंडित जवाहरलाल नेहरू के चित्र के अनावरण के साथ किया गया तथा द्वीप प्रज्वलित कर नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, डीसीबी चेयरमैन ललित लटवाल तथा अन्य द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन गिरीश मल्होत्रा द्वारा किया गया। इस दौरान जेल परिसर में सभी के द्वारा नेहरू जी समेत सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्घांजलि दी गई। ऐतिहासिक अल्मोड़ा जेल में जवाहर लाल नेहरू, बद्रीदत्त पांडे, हरगोविंद पंत, सैयद अली जहीर, खान अब्दुल गफ्फार खान, दुर्गा सिंह रावत समेत अन्य क्रांतिकारी नेता निरुद्घ रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन की याद में यह अगस्त क्रांति दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी के सम्मान को बनाए रखने हेतु सभी नागरिकों को अपने अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए, उनके आदर्शों का सम्मान करना चाहिए। पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के लिए बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि 9 अगस्त का दिन भारत छोड़ो आंदोलन की अगस्त क्रांति में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनानियों को याद करने का दिन है। कार्यक्रम में एडम्स कलेज, मंगल दीप स्कूल, ग्रेस पब्लिक स्कूल, मानस पब्लिक स्कूल, कूर्मांचल पब्लिक स्कूल के बच्चों द्वारा सुंदर प्रस्तुतियां देकर सभी का मन मोहित किया गया। इस दौरान बच्चों ने देशभक्ति गीत, नृत्य तथा भाषण के माध्यम से समा बांधा। मंगल दीप स्कूल के दिव्यांग बच्चों ने भी देश भक्ति गीत एवं नृत्य किए। सभी वक्ताओं ने भारत छोड़ो आंदोलन के इतिहास, तत्कालीन परिस्थितियों आदि के बारे में अपने अपने विचार रखे तथा कहा कि अल्मोड़ा की जेल एक ऐतिहासिक जेल है। इस जेल से बहुत से वीर स्वतंत्रता सेनानियों का इतिहास जुड़ा हुआ है। इस दौरान कारागार प्रशासन द्वारा जेल रेडियो का आयोजन कर जेल परिसर की दिनचर्याओं के बारे में विस्तार से बताया गया। जिसकी सभी ने प्रशंसा की। जेल अधीक्षक जयंत पांगती ने कहा कि आज परिस्थितियां पूर्व की अपेक्षा काफी बदल गई हैं। उन्होंने जेल के बारे में कहा कि यह बंदी गृह न होकर सुधार गृह है। यहां अपराधियों को स्वसुधार हेतु प्रेरित किया जाता है।
इस दौरान मंगलदीप विद्यालय की संस्थापक मनोरमा जोशी, तहसीलदार दलीप सिंह, वरिष्ठ प्राध्यापक बीडीएस नेगी, रेडक्रस के चेयरमैन मनोज सनवाल, पीसी तिवारी समेत अन्य पदाधिकारी तथा गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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