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अयोध्या के राम मंदिर के भूमि पूजन की तारीख तय, पीएमओ भेजा गया प्रस्ताव

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अयोध्या, एजेंसी। करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक अयोध्या के श्रीराम मंदिर के निर्माण की उलटी गिनती के बीच आज श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक सम्पन्न हो गई। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अयोध्या में आज पहली बैठक में कई अहम फैसले हुए। ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास की तारीख तय कर ली है। इसके लिए तीन और पांच अगस्त की तारीख तय करने के बाद प्रस्ताव पीएमओ को भेजा गया। अब इस पर अंतिम फैसला पीएमओ लेगा। इसके साथ ही राम मंदिर के नक्शे में बदलाव का भी फैसला किया गया है।
बैठक ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल की अध्यक्षता में करीब ढाई घंटे तक चली। बैठक और अध्यक्ष ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास बिना मीडिया से बात करे ही अयोध्या सर्किट हाऊस से मणिराम छावनी के लिए रवाना हो गए। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र परिषद की बैठक के बाद पीएम नरेंद्र मोदी के भूमि पूजन में आने पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को निवेदन किया गया है। स्वयं ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास जी ने निवेदन किया है,लेकिन अंतिम फैसला तो पीएम मोदी को ही करना है। उन्होंने कहा कि देश में अभी बर्डर पर तनाव के साथ और कई मामले चल रहें हैं। भूमि पूजन की तारीख हमने तय करके प्रधानमंत्री कार्यालय भेज दी है। अब तो अंतिम फैसला पीएम अफिस ही लेगा।
चंपत राय ने कहा कि यहां पर सोमपुरा ही मंदिर का निर्माण करेगा। सोमनाथ मंदिर को भी इन लोगों ने बनाया है। मंदिर बनाने में पैसे कि कमी नहीं होगी। मंदिर के लिये 10 करोड़ परिवार दान देंगे।राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए पीएम अफिस को भूमि पूजन के लिए तीन तथा पांच अगस्त की तारीख का प्रस्ताव भेजा गया है। अब पीएम मोदी तीन या फिर पांच अगस्त को अयोध्या में मंदिर के लिए भूमि पूजन करेंगे। इसके साथ बैठक में राम मंदिर के स्वरूप पर भी हुई चर्चा। राम मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा और इसमें तीन की बजाय अब पांच गुंबद बनाए जाएंगे। बैठक के बाद सभी सदस्य सर्किट हाउस से रामलला के दर्शन के लिए रवाना हो गए। ड ष्ण गोपाल ट्रस्ट के विशेष आमंत्रण पर मीटिंग में शामिल हुए। आरएसएस राम मंदिर के मुद्दे पर व्यापक अभियान की योजना बना रहा है। उसी दृष्टि से कष्ण गोपाल मीटिंग में शामिल हुए और अपेक्षाओंध्सुझावों का आदान-प्रदान हुआ।
अयोध्या के सर्किट हाउस में तीसरे पहर 3:00 बजे से चल रही श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की बैठक सायं 5:30 बजे तक समाप्त हो गई। सर्किट हाउस से सबसे पहले तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास निकले और मीडिया से कोई बात किए बगैर आगे बढ़ गए। माना जा रहा है कि श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट की अहम बैठक में भूमि पूजन की तारीख पर मंथन हुआ है। अभी कोई निष्कर्ष नहीं निकला, लेकिन चर्चा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 29 जुलाई और 5 अगस्त की तारीखें बताई गई हैं। ट्रस्ट चाहता है कि पीएम मोदी इन दो में से किसी दिन अयोध्या आएं और भूमि पूजन में हिस्सा लें। इसके बाद ही राम मंदिर का काम शुरू होगा। ट्रस्ट की बैठक में 15 ट्रस्टियों में से 12 ट्रस्टी बैठक में मौजूद हैं, जबकि तीन ट्रस्टी अनलाइन बैठक में शामिल थे। रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की सदियों पुरानी और करोड़ों रामभक्तों की चिर साध पूर्ण करने का दारोमदार रामनगरी श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक पर है।
कोरोना की वैश्विक महामारी को देखते हुए पीएमओ की ओर से 25 दिसम्बर गीता जयंती की तिथि तय की जा रही थी, लेकिन राम मंदिर निर्माण कार्य में काफी विलम्ब हो जाने की आशंकाओं को लेकर ट्रस्ट की ओर से शीघ्रातिशीघ्र समय तय करने का आग्रह किया गया था। इसके बाद भाद्र पद द्वितीया तदनुसार पांच अगस्त दिन बुधवार की तिथि को हरी झंडी मिल गयी। इस तिथि पर भी वर्चुअल ढंग से ही भूमि पूजन की बात थी लेकिन एक जुलाई को ट्रस्ट के अध्यक्ष व मणिराम छावनी पीठाधीश्वर महंत नृत्यगोपाल दास महाराज द्वारा संत समाज की ओर से भेजे गये पत्र के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं उपस्थित होने का निर्णय लिया । इसकी अधिकारिक घोषणा ट्रस्ट की बैठक में मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र करेंगे। इसके बाद भूमि पूजन की तिथि पर ट्रस्टीगण अपनी मुहर लगाएंगे और भी फिर सार्वजनिक घोषणा ट्रस्ट के माध्यम से ही की जाएगी। अयोध्यावासी चाहते हैं पीएम मोदी जल्दी यहां आएं और राम काज की शुरुआत करें। सभी साधु संत और सभी राम भक्तों की पीएम से एक ही अपील है कि वो अयोध्या जरूर आएं। प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम आज तक रामनगरी नहीं गए हैं। मौके कई आए, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का यहां पहुंचना संभव नहीं हो पाया।

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