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बद्री-केदार फाउंडेशन ने किया अपना यू-टयूब चैनल ‘‘गढ़ गौरव प्रोडक्शन‘‘ लांच

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देहरादून। उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवद्र्वन की दिशा में कार्यरत ‘‘श्री बद्री-केदार फाउंडेशन‘‘ ने आज अपना यू-टयूब चैनल ‘‘गढ़ गौरव
प्रोडक्शन‘‘ लांच कर दिया। संस्था ने मां भगवती कूर्मासेंण की स्तुति पर आधारित भक्ति-गीत (भजन) का वीडियो जारी करते हुए ‘‘गढ़ गौरव प्रोडक्शन‘‘
नामक इस यू-टयूब चैनल की विधिवत लांचिंग की। युवा गीतकार व गायक योगेश सकलानी द्वारा रचित इस भक्ति-गीत को स्वयं योगेश ने अपने मधुर आवाज से
सजाया है, जबकि उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध संगीतकार रणजीत सिंह ने इसे संगीतबद्व किया है। देहरादून:उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवद्र्वन की दिशा में
कार्यरत ‘‘श्री बद्री-केदार फाउंडेशन‘‘ ने आज अपना यू-टयूब चैनल ‘‘गढ़ गौरव प्रोडक्शन‘‘ लांच कर दिया। संस्था ने मां भगवती कूर्मासेंण की स्तुति पर
आधारित भक्ति-गीत (भजन) का वीडियो जारी करते हुए ‘‘गढ़ गौरव प्रोडक्शन‘‘ नामक इस यू-टयूब चैनल की विधिवत लांचिंग की। युवा गीतकार व गायक
योगेश सकलानी द्वारा रचित इस भक्ति-गीत को स्वयं योगेश ने अपने मधुर आवाज से सजाया है, जबकि उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध संगीतकार रणजीत सिंह ने इसे
संगीतबद्व किया है। श्री बद्री-केदार फाउंडेशन के बद्री विहार स्थित सभागार में पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी एवं जागर सम्राट पद्मश्री डॉ. प्रीतम भरतवाण
नेआज संस्था कायू-टयूब चैनल ‘‘गढ़ गौरव प्रोडक्शन‘‘ एवं चैनल पर प्रसारित प्रथम प्रस्तुति ‘‘चला चरणों मा3.‘‘ भक्ति-गीत संयुक्त रूप से लांच किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने गढ़ गौरव संस्था की इस नई पहल को लोक-संस्कृति के संरक्षण, संवद्र्वन एवं व्यापक
प्रचार-प्रसार की दिशा में मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की गढ़वाली, कुमाउंनी व जौनसारी जैसी क्षेत्रीय भाषाओं के सामने सबसे बड़ा संकट यहां
की नई पीढ़ी की बेरूखी ने पैदा कर दिया है। जो समाज अपनी संस्कृति की सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं होगा वो अपने सांस्कृतिक पतन के लिए भी तैयार रहे। जब
भाषा ही अगली पीढी तक नहीं पहुंचेगी तो लोक संगीत, गीत व संस्कृति कैसे जिंदा रहेगी। ऐसे में अपनी बोली-भाषा व संस्कृति के प्रति नई पीढ़ी का रूझान पैदा
करना हमारी सबसे बड़ी चुनौती है। उत्तराखण्ड में जागर सम्राट के नाम से विख्यात पद्मश्री डॉ.प्रीतम भरतवाण ने कहा कि सोशियल मीडिया क्षेत्रीय बोली-भाषा,
लोक-संगीत व संस्कृति के प्रचार-प्रसार का सशक्त माध्यम बनकर उभर रहा है, जहां नवोदित कलाकारों को भी उचित मंच मिल रहा है। संचार क्रांति के इस दौर में
छोटे-बड़े व्यापारी व उद्योगपति भी अपनी मातृभूमि व लोक संस्कृति की सेवा के लिए आगे आ रहे हैं यह एक सुखद संकेत है। आज यू-ट्यूब के जरिए लोक संस्कृति
को बचाने व व्यापक प्रचार-प्रसार करने की क्रांति छिड़ गई है, जिससे उत्तराखण्ड के पुराने व पुरोधा लोक-कलाकारों के मुख पर भी संतोष के भाव नजर आ रहे हैं।
उन्होंने गढ़गौरव की इस नई पहल की सराहना करते हुए युवा गीतकार व गायक योगेश सकलानी को शुभकामनाएं दीं। श्री बद्री केदार फाउंडेशन के अध्यक्ष अनिल
प्रसाद भट्ट एवं सचिव दीपक भट्ट ने बताया कि उनकी संस्था पिछले कई वर्षों से समाज के गरीब एवं असहाय वर्ग से जुड़े नौनिहालों की गंभीर बीमारी के उपचार
समेत उनकी शिक्षा-दीक्षा के लिए प्रयासरत रही है। इस कड़ी में संस्था द्वारा अब तक ऐसे 10 से अधिक गरीब बच्चों की गंभीर बीमारियों का निशुल्क उपचार करा
चुकी है। उत्तराखण्ड की लोक-संस्कृति के संरक्षण व संवद्र्वन की दिशा में भी संस्था विगत कई वर्षों से प्रयासरत है। गढ़ गौरव प्रोडक्शन नामक यू-ट्यूब चैनल इसी
कड़ी में संस्था की नई पहल है। प्रख्यात संगीत निर्देशक रणजीत सिंह ने बताया कि रूद्रप्रयाग जनपद की भरदार पट्टी के क्वीला गांव में स्थित मां भगवती
कूर्मासेंण पर आधारित भक्तिरस से ओतप्रोत यह गीत युवा गीतकार योगेश सकलानी ने लिखा है तथा स्वयं ही उसको अपनी मधुर आवाज भी दी है। नई पीढ़ी के
उभरते हुए उम्दा कलाकारों में शुमार योगेश सकलानी अब तक 450 से अधिक गीतों की रचना कर चुके हैं। उम्मीद है जल्द ही वह अपनी नई-नई रचनाओं के
माध्यम से स्रोताओं को मंत्रमुग्ध करते रहेंगे। कार्यक्रम का संचालन चंद्रमोहन भट्ट ने किया।

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