उत्तराखंड

भोजन माताओं ने की पांच हजार मासिक मानदेय देने की मांग

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नई टिहरी। उतराखण्ड भोजन माता कामगार यूनियन (सीटू) की विकास खण्ड प्रतापनगर इकाई ने पांच हजार मासिक मानदेय देने की मांग की है। इकाई अध्यक्ष विकुला देवी की अध्यक्षता और सचिव केदारी की मौजूद्गी में लंबगांव में यूनियन की बैठक हुई। बैठक में भोजन माताओं की विभिन्न मागों और सवालों पर चर्चा की गई। यूनियन के सदस्यों ने केन्द्र और राज्य सरकारों पर मिड डे मील वर्कर्स की अनदेखी का आरोप लगाया। उनका कहना था कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2009 के बाद से भोजन माताओं के मेहनताने में बढ़ोतरी नहीं की है। राज्य सरकार ने जुलाई 2021 में 5000 रुपये मानदेय देने का वादा किया था, जिस पर आतिथि तक अमल नहीं हुआ है। बैठक ने 11 जनवरी को प्रस्तावित जिला स्तरीय रैली की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई। उतराखण्ड किसान सभा के जिला अध्यक्ष भगवान सिंह राणा भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नवउदारवादी नीतियों के परिणामस्वरूप सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या में तेज गिरावट आ रही है। जिससे भोजन माताओं के रोजगार छिन रहा है। उन्हें बगैर प्रतिकर के नौकरी से हटाया जा रहा है। बैठक में न्यूनतम वेतन, साल के 12 महीने वेतन साथ ही नौकरी से हटाई जा रही भोजन माताओं को तीन हजार रुपये पेंशन दी जाए। बैठक में कविता, शीला, जसोदा, गैणा देवी, रूशना देवी, बृजा देवी, हरदेई, प्यार देघ्ई, सकला देवी, शोभनी देवी, प्रमिला, विमला समेत अन्य मौजूद रहे।

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