बीकेटीसी अध्यक्ष ने किया त्रियुगीनारायण मंदिर परिसर का निरीक्षण
– मंदिर के सौन्दर्यीकरण और अन्य कार्यों की संभावनाओं पर चर्चा की
रुद्रप्रयाग। शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण मंदिर को भव्य स्वरूप देने की कवायदें की जाने लगी है। शनिवार को बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ मंदिर का निरीक्षण किया। साथ ही यहां सौन्दर्यीकरण और अन्य कार्यों की संभावनाओं पर चर्चा की। त्रियुगीनारायण मंदिर दर्शन में पूजा अर्चना और दर्शन करने के बाद बीकेटीसी अध्यक्ष ने मंदिर का निरीक्षण किया और यहां बीकेटीसी के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों से कई जरूरी चर्चा की। इस दौरान मंदिर के सौंदर्यीकरण, जीर्णोद्वार, मंदिर परिसर के विस्तारीकरण, चाहरदीवारी निर्माण आदि विषयों पर चर्चा की। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने अधिकारियों के साथ त्रियुगीनारायण का भ्रमण कर इस दिशा में आवश्यक निर्देश दिए हैं। अजेंद्र ने बीकेटीसी के अधिकारियों के साथ त्रियुगीनारायण मंदिर परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने स्थानीय लोगों, हक- हकूकधारियों व तीर्थ पुरोहितों के साथ मंदिर परिसर के विकास और सौंदर्यीकरण पर चर्चा की। अजेंद्र ने मंदिर की जीर्ण-शीर्ण हो रही छत एवं झालर को बदलने के संबंध में आवश्यक कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही शिव-पार्वती विवाह मंडप, सूर्यकुंड, भोग मंडी, चारदीवारी और परिसर में स्थापित अन्य छोटे मंदिरों के जीर्णोद्घार को लेकर भी पुरातत्व विभाग से सलाह लेकर योजना बनाने को कहा। इस दौरान बीकेटीसी अध्यक्ष ने ग्रामीणों से कहा कि वर्तमान में मंदिर परिसर काफी छोटा है। परिसर में श्रद्घालुओं के लिए बैठने तक का स्थान नहीं है जिससे मंदिर में होने वाले बड़े आयोजनों के समय श्रद्घालुओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने मंदिर के तीन तरफ की दीवालों को पीटे खिसका कर परिसर को विस्तार देने के बारे में ग्रामीणों की राय ली। साथ ही इस कार्य में सहयोग देने की अपील की। ग्रामीणों ने बीकेटीसी अध्यक्ष की पहल का स्वागत किया। ग्रामीणों ने आश्वस्त किया कि त्रियुगीनारायण मंदिर को भव्य व दिव्य स्वरूप देने की योजना में उनका पूर्ण सहयोग रहेगा। इस मौके पर भाजपा मंडल अध्यक्ष विनोद देवशाली, वरिष्ठ नेता राय सिंह राणा, युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष आशीष नौटियाल, बीकेटीसी के सहायक अभियंता गिरीश देवली, अवर अभियंता विपिन कुमार, रजनेश गैरोला, मठापति परशुराम गैरोला, प्रबंधक अजय शर्मा,महादेव भट्ट, सच्चिदानंद पंचपुरी, सर्वेश्वर भट्ट, दीर्घायु प्रसाद कुर्मांचली, भरत पंवार, हर्षमणि आदि मौजूद थे।