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चीन सीमा से लगी तीन सड़कों को बनाने की सरकार ने दी मंजूरी,

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देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने चीन सीमा पर सामरिक महत्व की तीन सड़कों के निर्माण के लिए फॉरेस्ट क्लियरेंस दे दी
है। अब यह प्रस्ताव राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड को भेजा जाएगा। बोर्ड की मंजूरी के बाद इन सड़कों के निर्माण से चीन सीमा
पर सुरक्षा बलों की आवाजाही आसान हो सकेगी।
सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में हुई राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया। तीनों
ही सड़कें गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क (उत्तरकाशी) के अंदर होने के कारण नहीं बन पा रही थी। वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने
बताया कि तीनों सड़कों की लंबाई लगभग 35 किमी है। रावत ने बताया कि, पुलम- सुमदा में कारछा में हेलीपेड का
विस्तार भी किया जाएगा। त्रिवेंद्र रावत, मुख्यमंत्री ने कहा कि एनएच 72-ए (मोहंड-देहरादून) का उत्तराखंड के लिए बहुत
अधिक महत्व है। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। इस मार्ग के विस्तारीकरण में राजाजी पार्क का कुछ हिस्सा भी आ
रहा है। यूपी की भी जमीन भी सड़क के विस्तारीकरण की जद में आ रही है। राज्य के अफसरों को यूपी के अफसरों के
साथ समन्वय बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
गरतांग गली ट्रेल मार्ग का होगा जीर्णोद्वार
बोर्ड में गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान में स्थित गरतांग गली ट्रेल के जीर्णोद्वार का भी फैसला लिया है। सरकार ने इसके लिए
64.10 लाख धनराशि भी मंजूर की है। राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने सेना के लिए दो स्थानों पर ऑपरेशनल ट्रेक बनाने की
हरी झंडी दे दी है। चीन सीमा से लगे नीलापानी ब्लाक व सुमला ब्लाक में ये ऑपरेशनल ट्रेक बनेंगे ।
इन सड़कों को मिली मंजूरी
सड़क किमी वन क्षेत्र (हेक्टेयर)
सुमला से थांगला 11.85 30.39
त्रिपाणई से रंगमचगा़ड 6.21 11.218
मंडी से सांगचोक्ला 17.60 31.76
मोहंड दून हाई-वे बनेगा फोर लेन
सहारनपुर और देहरादून को जोड़ने वाला मोहंड-दून हाईवे(एनएच-72ए) जल्द फोर लेन बन सकेगा। यह प्रस्ताव राष्ट्रीय
वन्यजीव बोर्ड की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने बताया कि, करीब चार किलोमीटर सड़क
के दोनों ओर वन भूमि है। ऐसे में इसके लिए जमीन हस्तांतरण किया जाना है।
हवाई अड्डे के विस्तार को 87 हेक्टेयर भूमि हस्तांतरण को मंजूरी
स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड ने जौलीग्रांट हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 87 हेक्टेयर वनभूमि हस्तांतरण को मंजूरी दे दी है।
एयरपोर्ट के विस्तार की योजना लंबे समय से चल रही है। लेकिन एविएशन डिपोर्टमेंट के पास जमीन ना होने के चलते
विस्तारीकरण नहीं हो पा रहा। योजना के तहत रनवे लंबा किया जाना है। हैंगर का विस्तार और उसके गेट और बनने
हैं। इसके अलावा लॉबी और कांप्लैक्स भी काफी बड़ा किया जाना है।

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