उत्तराखंड

शिक्षक के दुर्गम स्थानांतरण पर कोर्ट ने रोक लगाई

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता का स्थानांतरण राजकीय इंटर कालेज पटवाडांगर (सुगम) से जीआईसी मुक्तेश्वर किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित करते हुए याचिकाकर्ता द्वारा पूर्व में राजकीय इंटर कालेज चांफी (दुर्गम) में की गई सेवाओ को जोड़ते हुए याचिकाकर्ता के स्थानांतरण पर रोक लगा दी है। मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी योगेश चंद्र जोशी ने याचिका दायर कर कहा है कि विभाग द्वारा उनकी दुर्गम में की गई सेवाओं को सुगम में दिखाकर उनका स्थानांतरण कर दिया गया है। जबकि उनके द्वारा पूर्व में 10 वर्ष से अधिक समय तक दुर्गम क्षेत्र में सेवाएं दी गई हैं। लिहाजा उनकी दुर्गम में की गई सेवाओं को जोड़ते हुए उनके स्थानांतरण को निरस्त किया जाए। पूर्व में कोर्ट ने इस मामले में अपर निदेशक शिक्षा को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने व जवाब पेश करने को कहा था। वहीं सरकार ने अपने शपथपत्र में कहा कि याचिकाकर्ता की 1998 से 2002 तक राजकीय इंटर कालेज चांफी में दी गईं सेवाओं को सुगम में दिखाया गया, जिसे अब ठीक कर दिया गया है।

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