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एम्स ऋषिकेश के डायरेक्टर की कोविड संक्रमित बहन का एम्स में ही निधन

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जयन्त प्रतिनिधि।
ऋषिकेश।
आम आदमी का जब किसी हॉस्पीटल में नुकसान होता है तो तब डॉक्टरों पर ध्यान न देने या उचित इलाज न करने का आरोप आम हो जाता है, जबकि हकीकत है कि कोई भी चिकित्सक अपने मरीज को जीवित रखने के लिए भरसक कोशिश करता है। किन्तु जब परमात्मा ही इस बात के लिए राजी न हो तो तब एम्स जैसे बड़े हास्पीटल के डायरेक्टर अपनी बहन को भी बचाने में असमर्थ हो जाते है।
एम्स ऋषिकेश के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत की बड़ी बहन प्रोफेसर डॉ. शशि प्रतीक का बीते शनिवार को असामयिक निधन हो गया, वह 71 वर्ष की थीं। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार प्रो. शशि प्रतीक कोविड ग्रसित होने के पश्चात पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थीं व उनका एम्स ऋषिकेश में उपचार चल रहा था। प्रो. शशि प्रतीक पूर्व में वर्धमान मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली में स्त्री रोग विभाग की विभागाध्यक्ष रह चुकी हैं। डॉ. प्रतीक एक कोविड योद्धा थीं, वह एक बहुत ही सक्षम सर्जन रही हैं। उनका गांवों से खासा लगाव था, वह मेडिकल सुविधाओं से वंचित गांवों में आउटरीच कार्यक्रम द्वारा सेवा उपलब्धता पर ध्यान केंद्रित करती थीं व खासकर बालिका शिक्षा व गरीब पृष्ठभूमि के होनहार नौनिहालों को शिक्षा सहायता प्रदान कर सक्षम बनाने में उनकी खासी दिलचस्पी थी। प्रो. शशि प्रतीक लंदन और सिडनी से चिकित्सा प्रशिक्षित थीं, उन्होंने विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद अपने देश के लोगों की चिकित्सा सेवा का रास्ता चुना व जीवन पर्यंत लोगों को सेवाएं दीं। प्रो. शशि प्रतीक यूपी के अपने गृह जनपद मुजफ्फरनगर के आसपास के गांवों से पहली महिला चिकित्सक रही हैं। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया वह मेरी बड़ी बहन तो थीं ही, इसके अलावा वह सभी के प्रति सद्भावना रखती थीं व सामाजिक चिंतक थीं। उन्होंने बताया कि वह मेरे लिए एक बहन के साथ-साथ उनका मुझे हमेशा एक मां की तरह वात्सल्य प्राप्त हुआ। उनका अंतिम संस्कार ऋषिकेश के चंद्रेश्वरनगर घाट पर किया गया। प्रो. प्रतीक की पार्थिव देह को उनके पुत्र आदित्य ने मुखाग्नि दी। उनकी पुत्री कोकिल केलिफोर्निया से तथा पुत्र पेरिस से सप्ताहभर पहले ही यहां आए थे। उनके पति प्रो. के. पीएस मलिक जानेमाने नेत्र विशेषज्ञ हैं। प्रो. शशि को एम्स के फैकल्टी सदस्यों, चिकित्सकों ने अश्रुपूरित अंतिम विदाई दी।

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