लद्दाख में भी तेज हुई पूर्ण राज्य की मांग, एकजुट हुईं पार्टियां, लेह और करगिल में प्रदर्शन
लेह, एजेंसी। अनुच्छेद 370 हटने के बाद अलग केंद्र शासित प्रदेश बने लद्दाख में पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग तेजी हो गई है। यहां लेह और करगिल के लिए अलग से लोकसभा और राज्य सभा सीट और रोजगार को लेकर भी प्रदर्शन किए गए। करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस और अपेक्स बडी लेह ने संयुक्त रूप से जुलूस और प्रदर्शन का आयोजन किया था। इन दोनों ने शेरिंग दोरजे और नसीरर मुंशी के नेतृत्व एक कोर कमिटी बनाई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस रैली में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। वे नारे लगा रहे थे। लेह और करगिल की सड़कों पर लोग हाथों में तिरंगा झंडा लेकर प्रदर्शन करने उतरे। बता दें कि 2019 में लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करके केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। लेह में रैली की शुरुआत पोलो ग्राउंड में एक पेट्रोल पंप के पास से हुई। लोग केंद्रीय गृह मंत्री से अपनी मांगें पूरी करने की मांग कर रहे थे। दोरजे ने कहा, हम अपने अधिकार मांग रहे हैं, कोई भीख नहीं मांग रहे हैं। हमारी मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य घोषित किया जाए।संविधान की 6वीं अनुसूची की तहत अधिकार दिए जाएं। युवाओं को रोजगार मिले और अलग से लोकसभा और राज्य सभा की सीट बनाई जाए।
लेह के अलावा करगिल में भी हुसैनी पार्क से लाल चौक तक रैली निकाली गई। अपेक्स बडी लेह के साथ अन्य दल भी इसमें शामिल थे। पहले भाजपा भी स्।ठ का ही हिस्सा थी। हालांकि अब भाजपा इससे अलग हो गई है। वहीं केडीए कई राजनीतिक और धार्मिक दलों का संगठन है। बता दें कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्टेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग अलग यूनियन टेरिटरी बनाया गया। जम्मू-कश्मीर को विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश में शामिल किया गया। वहीं लद्दाख को बिना विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेश के रूप में मान्यता दी गई।
उस वक्त लेह में भी लोगों ने जश्न मानाया था। हालांकि अब लोगों का कहना है कि प्रदेश का शासन पूरी तरह से नौकरशाहों के हाथ में है और यहां के स्थानीय लोगों की कोई भूमिका ही नहीं है। लद्दाख को बाहर से आकर लोग चलाते हैं और यहां के लोगों की समस्याएं अलग ही रह जाती हैं।