उत्तराखंड

विकास, पिछड़ेपन की समानता का उदाहरण बनकर रह गया उत्तराखंडरू तिवारी

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अल्मोड़ा। रानीखेत में राज्य विधि आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष एड़ दिनेश तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के गठन के समय मौजूद चुनौतियां आज भी बरकरार हैं। तिवारी ने कहा कि षि, बागवानी, पशुपालन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य नहीं हुआ है। पर्याप्त बजट आवंटित नहीं होने से राज्य की अर्थव्यवस्था लगातार कमजोर हुई है। बेरोजगारी व पलायन आज भी चुनौती है। देश के सबसे अधिक साक्षर और शिक्षित राज्यों में शुमार होने के बावजूद उत्तराखंड की बौद्घिक शक्ति का उपयोग राज्य के हित में नहीं हो पा रहा है। रोजगार, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर प्रबंधन ने पलायन की तरफ्तार तीन गुना तक बढ़ा दी है। प्रदेश प्रातिक आपदाओं से निपटने के लिए कोई सिस्टम तक तैयार नहीं कर सका है। तिवारी ने कहा कि पहाड़ विरोधी नीतियों के चलते आत्मनिर्भर व स्वावलंबी राज्य बनने का सपना पूरा नहीं हो सका है।

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