Uncategorized

डीआईटी यूनिवर्सिटी में राज्य में बढ़ते प्रदूषण पर की गई चर्चा

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं विभिन्न विभागों की संयुक्त बैठक में व्यक्त की गई चिंता
देहरादून। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा तीन नॉन अटेनमेंट सिटीज जो अटेनमेंट पैरामीटर क्वालिटी पर खरी नहीं उतर रही है राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उसको गंभीरता से लेते हुए एक कार्यशाला का आयोजन डीआईटी यूनिवर्सिटी में की गई। कर उनके बारे में चर्चा की जिसमें निकल कर आए बिंदुओं पर एक प्रपोजल बना कर उसके क्रियानव्यन पर विचार किया जाएगा। इस कार्यशाला में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, अर्बन डवलपमेंट, वन आदि विभागों से भी अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम की शुरुवात प्रोवाइस चांसलर डीआईटी एवं सभी उपस्थित अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर की। कार्यशाला में मेंबर सेक्रटरी राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग एसपी सुबुद्दी ने राज्य की तीन मुख्य नॉन अटेनमेंट सिटीज देहरादून, ऋषिकेश एवं काशीपुर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इन तीनों शहरों में प्रदूषण का स्तर पिछले कुछ सालों में बहुत ज्यादा बढ़ा है। इसके कुछ मुख्य कारण है जिन पर विचार व्यक्त करने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है और समस्त संबंधित विभागों को भी आमंत्रित किया गया है। यह मुख्य कारण है इन शहरों में वाहनों की बढ़ती संख्या, खुले में सॉलिड वेस्ट का जलाना, सड़कों पर कचरा, लगातार बढ़ कर कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी, लगातार खुल रहे उद्योग, विभिन्न प्रकार कर डीजल एंव ईंधनों की होने वाली एक्टिविटी। कार्यशाला में आईआईटी रूड़की से आए प्रो बीआर गर्जर ने भी इस बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा की जिस तेजी से इन शहरों में प्रदूषण बढ़ रहा है वह दिन दूर नहीं जब हमारे पहाड़ भी इससे अछूते होंगे। इसके लिए हमें ऐसे कुछ उपाय खोजने होंगे जिससे कि राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी खासा असर न पड़े और प्रदूषण को भी नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा कि हमें पेट्रोल, डीजल मुक्त वाहनों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है और ऐसे कुछ ठोस निर्णय लेने की जरूरत है जिससे प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सके। इसके लिए यह एक ब्रेन स्टार्मिंग कार्यशाला थी जिसमें एक प्रस्ताव तैयार किया गया है जिसको जल्द ही हायर अथॉरिटीज के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इस मौके पर कार्यशाला का आयोजन डीआईटी में डा अंकुर कंसल ने किया एवं संचालन डा नवीन सिंघल के साथ डा तरूमय घोषाल ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!