उत्तराखंड

डीएम ने की वन भूमि हस्तांतरण प्रकरणों की समीक्षा

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चमोली। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने मंगलवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में वन भूमि हस्तांतरण प्रकरणों की प्रभागवार गहनता से समीक्षा की। उन्होंने निर्देशित किया कि जो वन भूमि प्रस्ताव शासन, नोडल एवं भारत सरकार स्तर पर लम्बित हैं, उनका विभागीय अधिकारी नियमित फलोअप करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन प्रकरणों में आपत्तिय लगी हैं, उन आपत्तियों का शीघ्र निस्तारण करना सुनश्चित करें। सभी एसडीएम तहसील स्तर पर म्यूटेशन संबधी प्रकरणों का त्वरित निस्तारण करें। जिन सड़को का निर्माण कार्य वन भूमि हस्तांतरण की वजह से लटका है उनका प्राथमिकता पर निस्तारण करना सुनिश्चित किया जाए। जिन प्रकरणों में क्षतिपूरक भूमि की आवश्यकता है, उनके लिए शीघ्रता से क्षतिपूरक भूमि उपलब्ध कराई जाए। जो सड़के अभी तक अनलाइन नही की गई है उनको तत्तकाल अनलाइन करें। उन्होंने कहा कि वन, लोनिवि व अन्य सड़क निर्माण संस्थाऐं आपसी समन्वय से सड़कों के निर्माण कार्य को प्राथमिकता पर लेकर तेजी से पूरा करें। इस दौरान सभी प्रकरणों की गहनता से समीक्षा की गई।
बैठक में बताया गया कि लोनिव की सभी डिवजनों में 68 सड़कों में से 36 सड़कों की सैद्वान्तिक स्वीति मिल गई है। जबकि 23 सड़के प्रस्तावक विभाग स्तर, 6 सड़के प्रभाग तथा 1-1 सड़क के प्रकरण एसडीएम, नोडल तथा भारत सरकार के स्तर पर लंबित है। जिन पर कार्रवाई गतिमान है। बैठक में डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे, अपर जिलाधिकारी अभिषेक त्रिपाठी, अधीक्षण अभियंता राजेश शर्मा सहित सड़क निर्माणदायी विभागों के समस्त अधिकारी उपस्थित थे।

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