उत्तराखंड

बरसाली मलबे से पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त, पानी को तरसे

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नई टिहरी। तीर्थनगरी देवप्रयाग से सटे गांवों की पेयजल लाइनें भारी बारिश से क्षतिग्रस्त होने से कई गांवों में पानी की किल्लत बनी हुई है। जल संस्थान की ओर से जलापूर्ति सुचारु कराने के कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन सभी प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। देवप्रयाग क्षेत्र की पेयजल लाईनें बरसाती मलबे से ध्वस्त होने से पिछले कई दिनों से ग्रामीण पानी की भारी किल्लत झेलने को मजबूर बने हैं। क्ष्रेत्र के कोटी, भटकोट, तुनगी, भ्विट, दनसाडा आदि गांवों में पिछले आठ दिनों से पेयजल आपूर्ति पूरी तरह ठप्प होने से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। इन गांवों की जलापूर्ति नवनिर्मित मुनेठ कांडाधार पेयजल योजना से होती है। ग्रामीणों के अनुसार यहां काटल गदेरे के समीप पंपिंग योजना की लाइन भारी बरसात से आए मलबे से ध्वस्त हो गई थी। जिसके बाद यहां आधा दर्जन गांवो की जलापूर्ति पूरी तरह ठप्प पड़ गई। ग्रामीण यहां देर शाम तक पुराने स्रोतों से पानी ढोने को मजबूर बने हैं। स्रोत तक जाने वाले रास्तों में बरसात से उगी झाड़ियों के कारण जंगली जानवरों का भय भी उनमें लगातार बना हुआ है। ग्राम प्रधान कोटी आभा कोटियाल, प्रधान तुनगी अरविंद जियाल, प्रधान भटकोट आरती देवी आदि के अनुसार पेयजल आपूर्ति बंद होने से ग्रामीण मुसीबत में हैं। उन्होंने जल संस्थान से शीघ्र जलापूर्ति बनाए जाने की मांग की गई है। ग्रामीण पेयजल के लिए भटकने को मजबूर बने हुए हैं।

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