यातायात में बाधा बन रहे विद्युत पोल, हवा में लटक गई योजना
दो वर्ष पूर्व अतिक्रमण के साथ ही विद्युत पोल हटाने की भी बनाई गई थी योजना
राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे खड़े विद्युत पोल से बिगड़ रही शहर की यातायात व्यवस्था
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: सरकारी विभाग जनता को किस तरह झूठे सपने दिखाता है इसका एक उदाहरण कोटद्वार शहर में देखने को मिल रहा है। दरअसल, हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने के दौरान विभागों ने राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे खड़े विद्युत पोल हटाने की भी योजना बनाई थी। लेकिन, दो वर्ष बाद भी उक्त विद्युत पोल नहीं हटाए गए। नतीजा राष्ट्रीय राजमार्ग पर खड़े विद्युत पोल यातायात व्यवस्था में बाधा बन रहे हैं। शिकायत के बाद भी जिम्मेदार सिस्टम समस्या को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहा।
उच्च न्यायालय के आदेश पर दो वर्ष पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग पर अतिक्रण हटाओ अभियान चलाया गया था। जिसके तहत नगर निगम की नजूल भूमि के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे फुटपाथ को खाली करवाया गया था। अतिक्रमण हटने के बाद अधिकारियों ने व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग से विद्युत पोल भी शिफ्ट करने की योजना बनाई। जिसके तहत विद्युत पोल हटने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे नाली के ऊपर स्लेब डाली जानी थी। इसके लिए तत्कालीन उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा ने ऊर्जा निगम व राष्ट्रीय राजमार्ग को विशेष निर्देश भी दिए थे। लेकिन, दो वर्ष बाद भी यह योजना परवान नहीं चढ़ पाई। नतीजा, राष्ट्रीय राजमार्ग से विद्युत पोल नहीं हटने के कारण आमजन को फुटपाथ का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यही नहीं विद्युत पोल की आड़ में कुछ लोगों ने दोबारा से स्थाई अतिक्रमण करना शुरू कर दिया है।
स्थानीय जनता उठा चुकी है मांग
शहर में अतिक्रम हटने के बाद भी शहरवासी राष्ट्रीय राजमार्ग पर फुटपाथ निर्माण की मांग उठा रहे हैं। कुछ माह पूर्व कोटद्वार पहुंचे जिलाधिकारी डा.आशीष चौहान के समय भी स्थानीय जनता ने इस समस्या को रखा। लेकिन, नगर निगम, एनएच, ऊर्जा निगम व स्थानीय प्रशासन आमजन की समस्या को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहा। जबकि, कौड़िया से बुद्धा पार्क तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब दो सौ से अधिक विद्युत पोल खड़े हैं।
पूर्व में राष्ट्रीय राजमार्ग से विद्युत पोल शिफ्ट करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए ऊर्जा निगम ने एक करोड़ सात लाख रुपये का प्रस्ताव राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग को भेजा था। लेकिन, अब तक उनकी तरफ से बजट उपलब्ध नहीं हो पाया है। …कमल सिंह रावत, सहायक अभियंता, ऊर्जा निगम, कोटद्वार खंड