उत्तराखंड

अल्मोड़ा के पाटिया गाँव में पाषाण युद्घ प्रथा बग्वाल का समापन

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अल्मोड़ा। ताकुला विकासखण्ड अंतर्गत पाटिया गाँव में मंगलवार को गोवर्धन पूजा के मौके पर बग्वाल का आयोजन हुआ। बग्वाल में प्रतीकात्मक पाषाण युद्घ होता है जिसमें 02 दल एक दूसरे पर पत्थर देंकते हैं और जिस दल से पहले कोई योद्घा नदी का पानी पी लेता है वह दल विजयी माना जाता है। क्षेत्र में सदियों से चली आ रही बग्वाल खेलने की प्रथा इस बार भी पूरे रीति रिवाज के साथ मनाई गई। इस बग्वाल में चार गांव के योद्घा हिस्सा लेकर सदियों पुरानी परम्परा को कायम रखते हुए पत्थर युद्घ खेलते हैं। कुछ समय तक चला यह तक युद्घ किसी पक्ष के बग्वाल खेल रहे योद्घा द्वारा नदी में पानी पीने के बाद शांत हो जाती है। पाटिया क्षेत्र के पचघटिया में खेले जाने वाले इस बग्वाल में पाटिया, भटगांव, जाखसौड़ा और कसून के ग्रामवासी हिस्सा लेते हैं। इसे देखने के लिये क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोग आते हैं। पाटिया और कोट्यूड़ा के बीच मूलत: खेले जाने वाले इस युद्घ में कोटयूड़ा के साथ कसून और जाखसौड़ा तथा पाटिया के साथ भटगांव के योद्घा भाग लेते हैं। पत्थर युद्घ का आगाज पाटिया गांव के अगेरा मैदान में गाय खेत में गाय की पूजा के साथ होता है। मान्यता के अनुसार पिलख्वाल खाम के लोग चीड़ की टहनी खेत में गाड़कर बग्वाल की अनुमति मांगते हैं इसके बाद स्थानीय पचघटिया नदी के दोनों ओर से दोनों दल एक दूसरे के ऊपर पत्थर देंकते हैं और दोनों पक्षों में पहले नदी में जाकर पानी पीने के लिये संघर्ष होता है। किसी एक पक्ष के व्यक्ति के नदी में जाकर पानी पी लेने के बाद यह बग्वाल समाप्त हो जाती है। इसके बाद बग्वाल खेल रहे लोग एक दूसरे को बधाई देकर अगले वर्ष फिर बग्वाली के दिन मिलने का वादा कर विदा लेते हैं। वर्षों से चली आ रही यह परिपाटी जारी है लेकिन युद्घ का आगाज कब से और किस कारण हुआ इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। यहां पर यह आयोजन आपसी सहभागिता से चला आ रहा है यदि सरकार और प्रशासन इस पर ध्यान दे तो चम्पावत देवीधुरा बग्वाल की तर्ज पर पाटिया का बग्वाल भी पर्यटन के क्षेत्र में स्थान पा सकता है। 40 मिनट तक चले इस अनूठे पाषाण युद्घ में कई चोटिल भी हुए। कोट्यूड़ा की ओर से विकी बिष्ट, पाटिया खाम की ओर से राजा पिलख्वाल ने अगुवाई की। कोट्यूड़ा की ओर से विकी बिष्ट के पचघटिया में पानी पीने के साथ ही बग्वाल का समापन हो गया। इसके बाद पाटिया के राजा पिलखवाल ने पचघटिया में पानी पीया। और दोनों पक्षों द्वारा एक दूसरे पर पानी छिड़कने के साथ ही बग्वाल का समापन हो गया। इस मौके पर पाटिया के ग्राम प्रधान हेमंत कुमार, कोट्यूड़ा के ग्राम प्रधान भुवन चंद्र आर्य, कसून के ग्राम प्रधान सुंदर मटियानी, भट्टगांव के ग्राम प्रधान सुनीता भट्ट, बंशीलाल, सरपंच देवेंद्र सिंह बिष्ट, सामाजिक कार्यकर्ता हेम चन्द्र पांडे, पूरन चंद्र पांडे, पनी राम, दयाल राम आदि मौजूद रहे।

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