गर्भवती की मौत मामले में जांच के आदेश
गैरसैंण । सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) गैरसैंण में 18 अगस्त को इलाज के दौरान गर्भवती हीरा देवी की मौत होने से भड़का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा। शनिवार को ग्रामीणों ने सीएचसी पहुंचकर प्रदर्शन किया। मामले की गंभीरता को देख मौके पर पहुंचे डिप्टी सीएमओ चमोली ड़ एमएस खाती ने जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों से वार्ता की। वहीं, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक चमोली ड. गुमान सिंह राणा ने सीएचसी गैरसैंण में तैनात ड़ विकास एवं ड़ अनीता का स्थानांतरण गौचर व कर्णप्रयाग करने के आदेश दिए हैं। साथ ही एक सप्ताह में कार्रवाही का भरोसा दिया। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए।
शनिवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा मामले की जांच शुरू होनी थी। इस दौरान आक्रोशित जनप्रतिनिधि व ग्रामीणों का सीएचसी पर जमावड़ा लग गया। ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचे डिप्टी सीएमओ चमोली के समक्ष चिकित्सकों की लापरवाही से प्रसव पीड़िता की मौत के मामले में तत्काल कार्रवाई की बात कही। जिस पर डिप्टी सीएमओ ने लापरवाही को स्वीकार करते हुए बताया कि शव का पोस्टमार्टम किया जाना चाहिए था। लेकिन, ग्रामीणों का आक्रोश शांत नहीं हुआ और सीएचसी परिसर में प्रशासन के विरूद्घ जमकर नारेबाजी हुई।
मामले को बढ़ता देख डिप्टी सीएमओ ड़ एमएस खाती ने फोन पर सीएमओ चमोली गुमान सिंह राणा से वार्ता की। सीएमओ चमोली ने ड़ एमएस खाती, ड़ हेमा एसएमओ चमोली, महेश देवराडी, उदय सिंह रावत को जांच टीम में शामिल कर एक सप्ताह के भीतर गर्भवती की मौत मामले में विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। तब जाकर गुस्साए ग्रामीणों व नप्रतिनिधियों का गुस्सा शांत हुआ।
डिप्टी सीएमओ ड़ एमएस खाती ने कहा कि मामले की निस्पक्षता से जांच होगी। जांच टीम में तहसीलदार गैरसैंण व एसओ गैरसैंण को भी शामिल किया जाएगा। उपजिलाधिकारी गैरसैंण कौस्तुभ मिश्र ने कहा प्रशासन पूरी तरह मामले को लेकर संवेदनशील है और विभागीय जांच के साथ मजिस्ट्रीयल जांच की जा रही है।