Uncategorized

हेमकुंड समेत फूलों की घाटी में बर्फ ही बर्फ

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

संवाददाता, चमोली। ये प्रकृति है। इसकी प्रवृति गूढ़ से गूढ़ ज्ञानी और विज्ञानी भी नहीं समझ सकते। साधारण मानव तो इसी प्रकृति को आत्म सात कर जीता है। इसलिये वह हैरान भी नहीं होता। क्यों कि प्रकृति ने उसे उसी हाल में जीना और रहना सिखाया है । सिखों के पवित्र हिमालयी तीर्थ ¡ हेमकुंड साहब ¡ जून की तपती गर्मी में बर्फ से ढका है । 5-6 किमी के हिमालयी दायरे में चारों ओर बर्फ ही बर्फ ही पसरी है । यूं कहें कि यह क्षेत्र बर्फ का संसार बना है । दूर-दूर तक जहां तक नजरें जातीं हैं बर्फ ही बर्फ नजर आती है । सफेद धवल चांदी की मानिन्द चांदी की तरफ चमकती बर्फ का सौंदर्य तब और भी आनन्दित कर देता है । जब नीले आसमान में धूप निकलती है । धूप में हिमालय की इस बर्फ की दुनिया का सौंदर्य और भी निखर जाता है । खिल जाता है।
पवित्र हेमकुंड साहब के कपाट 1 जून तक खुल जाते थे । पर इस बार भारी बर्फ जमी होने के कारण अभी तक कपाट नहीं खुले । गुरु गोविन्द सिंह साहब की साधना स्थली हेमकुंड साहब के दर्शन करने के लिये देश दुनिया के लाखों तीर्थ यात्री . संगत लालायित रहते हैं। पर अभी शायद गुरु की आज्ञा नहीं है । प्रकृति का आदेश नहीं है ।
भारी बर्फ चारों ओर पसरी है । जिसे अभी हटाना सम्भव नहीं है । इस लिये हेमकुंड साहब की यात्रा अभी सम्भव नहीं हो पा रही है । गोविन्द घाट गुरुद्वारे के मुख्य प्रबंधक और जैसा नाम वैसे ही गुण से सम्पन्न सरदार सेवा सिंह जो इस असीम बर्फ के बाबजूद भी हेमकुंड गये यह देखने के लिये कि हालात क्या हैं ! और हिमालय . हेम कुंड से लौट कर बताते हैं कि ¡ यह हिमालयी शिखर साक्षात स्वर्ग की अनुभूति कराता है । चारों ओर निशब्द शान्ति । और बर्फ ही बर्फ ।
हेमकुंड साहब तीर्थ के बारे में गुरु ग्रन्थ साहब की तरह ही पवित्र विचित्र नाट में वर्णन आया है कि यहां पर गुरु गोविन्द साहब ने पूर्व जन्म में साधना की थी । सात हिम शिखरों से घिरा है पवित्र हिम सरोवर हेमकुंड।
दो धर्मों की संधि स्थल और पवित्र भूमि है यह हिमालय
हेमकुंड के निकट ही भगवान लक्ष्मण जी का भी मंदिर है । जिसे लोकपाल मंदिर भी कहते हैं। रामायण में प्रसंग है । जब भगवान श्री राम वनवास के बाद अयोद्धा लौटे । और राज सिंहासन पर बैठ कर राजकाज संचालित कर रहे थे । तो एक ऐसा प्रसंग आया कि लक्ष्मण जी इस अयोध्या से इस हिमालय में आ गये । और अंखड साधना . तपस्या में रत हो गये ।
विश्व प्रसिद्ध और विश्व धरोहर फूलों की घाटी भी इसी के निकट है । यहां अभी खूब बर्फ जमीं है । 1 जून से खुलेगी फूलों की घाटी ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!