उत्तराखंड

थामे हर ग्रामीण महिला का हाथ कार्यक्रम से सुधरेगी आर्थिकी

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बागेश्वर। विकास भवन सभागर पर संगठन से समृद्घि स्वनिर्भरता की ओर साथ-साथ, थामे हर ग्रामीण महिला का हाथ, कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। मंगलवार को विशेष कार्याधिकारी, कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग उत्तराखंड शासन शैलेश कुमार पंत और मुख्य विकास अधिकारी संजय सिंह ने हरी झंडी दिखाकर एक विशेष वाहन को रवाना किया। मुख्य विकास अधिकारी संजय सिंह ने बताया कि दीनदयाल अंत्योदय-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिले में 1903 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया है। 12157 समूहों से जुड़े। 225 ग्राम संगठन और 10 कलस्टर लेवल फेडरेशन बने हैं। गत वित्तीय वर्ष में 978 के लक्ष्य के सापेक्ष 979 स्वयं सहायता समूहों का गठन हुआ। 97 के सापेक्ष 99 ग्राम संगठनों का गठन किया गया है। तीन सीएलएफ का गठन किया गया। 1200 सीसीएल आवेदन प्राप्त हुए। जिसके सापेक्ष 800 सीसीएल स्वीत और वितरण किए गए। रिवाल्विंग फंड के 285 लक्ष्य के सापेक्ष 285 की पूर्ति की गई, जबकि कम्यूनिटी इनवेस्टमेंट फंड के 189 के लक्ष्य के सापेक्ष 435 की पूर्ति की गई।
जिले में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सिलाई, बुनाई, मसाला उत्पादन, एलइडी बल्ब, मडुवे के बिस्कुट, दन कालीन, ताम्र उत्पाद, कीवी, होम स्टे, षि-बागनवानी,पशुपालन कर रही हैं। एसएचजी समूहों को दुग्ध डेयरी, रिंगाल से बने उत्पाद आदि के जरिए सशक्तिकरण किया गया है। उत्पादों की बिकी एवं विपणन के लिए सरस मार्केट में सरस गैलरी उत्सव का आयोजन किया गया।
टूटे पात्र परिवारों के समूह बनेंगे
जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या ने बताया कि कार्यक्रम के तहत गांवों में टूटे पात्र परिवारों को समूहों जोडने के लिए प्रेरित किया जाएागा। पीएमएवाइ-जी लाभार्थी परिवारों की सभी पात्र महिलाओं को एसएचजी में लाया जाएगा। इन एक्टिव स्वयं सहायता समूहों को एक्टिव किया जाएगा। सभी टूटे हुए स्वयं सहायता समूहों के बचत खाते खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम 18 अप्रैल से 30 जून तक आयोजित होगा। इस दौरान उपजिलाधिकारी हरगिरि, भूमि संरक्षण अधिकारी गीतांजली बंगारी, जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह आदि उपस्थित थे।

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