तैयारियों को पुख्ता करने में जुटा भारत, अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा पर बनेंगे हेलीपैड
तेजू (अरुणाचल प्रदेश), एजेंसी। अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रक्षा करने वाली लगभग सभी अग्रिम चौकियों के पास कम से कम एक बड़ा हेलीपैड होगा। हेलीपैड का निर्माण जोरों पर चल रहा है। हर आठ से 10 किलोमीटर की दूरी पर ऐसी सुविधाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। हेलीपैड बनने से बहु-भूमिका वाले चिनूक हेलीकप्टरों का इस्तेमाल कर सैनिकों और सैन्य उपकरणों को जरूरत के समय तीव्रता से एलएसी पर भेजा जा सकेगा।
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वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि क्षेत्र में सेना की युद्घ के लिए तैयार रहने की क्षमताओं को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। पूर्वी अरुणाचल प्रदेश में माउंटेन ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर टीएम सिन्हा ने बताया, अग्रिम चौकियों पर हेलीपैड बनाए जा रहे हैं ताकि चिनूक 47 (एफ) हेलीकाप्टरों को उड़ान भरने और लैंडिंग में सुविधा हो। इन हेलीकाप्टरों को अमेरिका से खरीदा गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक सेना की पश्चिमी कमान और राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) ने गुरुवार को दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौते (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत पश्चिमी कमान को देश के राष्ट्रीय सौर ग्रिड से 25 मेगावाट सौर ऊर्जा मिलेगी। सेना के एक अधिकारी ने कहा कि पश्चिमी कमान ने अगले 27 वर्षों के लिए देश के राष्ट्रीय सौर ग्रिड से सीधे 25 मेगावाट सौर ऊर्जा प्राप्त करने के लिए एनटीपीसी के साथ एक दीर्घकालिक पीपीए पर हस्ताक्षर किए हैं।