भारत ने कोरोना से मौत का अनुमान लगाने का डब्ल्यूएचओ के तरीके को बताया गलत, कहा- एक ही माडल नहीं हो सकता उपयोग
नई दिल्ली, एजेंसी। भारत ने कोरोना के चलते हुई मौतों की गणना करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा अपनाए गए तरीके पर सवाल उठाया है। भारत ने कहा है कि उसके जैसे विशाल भौगोलिक आकार और जनसंख्या वाले देश में मौतों का आकलन करने के लिए एक ही गणितीय माडल का उपयोग नहीं किया जा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि भारत ने कोरोना से मौत की गणना की डब्ल्यूएचओ की कार्यप्रणाली को लेकर सदस्यों देशों के साथ अपनी चिंता साझा की थी। इसको लेकर डब्ल्यूएचओ को भी छह पत्र लिखे गए थे।
भारत ने मुख्य रूप से इस बात को उठाया था कि भारत जैसे विशाल भौगोलिक आकार और जनसंख्या वाले देश में छोटे देशों में मौत के आकलन के लिए अपनाए जाने वाले तरीके का उपयोग कैसे किया जा सकता है।
मंत्रालय ने न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारत इस मुद्दे पर डब्ल्यूएचओ के लगातार संपर्क में रहा है। डब्ल्यूएचओ ने छोटे देशों से उठाए आंकड़े के आधार पर ही भारत जैसे बड़े देशों में कोरोना से होने वाली मौतों का आकलन किया। भारत की आपत्ति डब्ल्यूएचओ द्वारा बताई जाने वाली मौतों की संख्या को लेकर नहीं, बल्कि उसका निर्धारण करने के उसके तरीके को लेकर है।
16 अप्रैल को प्रकाशित न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत विश्वभर में कोरोना से हुई मौतों के आंकड़े को सार्वजनिक करने से डब्ल्यूएचओ को रोक रहा है। वर्ष 2021 के अंत तक दुनियाभर में कोरोना से लगभग 1़5 करोड़ मौतें हुई थीं, जो 60 लाख के सरकारी आंकड़े से दोगुना से भी ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक अतिरिक्त लगभग 90 लाख मौतों में एक तिहाई से ज्यादा भारत में हैं। भारत का सरकारी आंकड़ा 5़20 लाख है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक भारत में कोरोना की वजह से 40 लाख से ज्यादा मौतें होने का अनुमान लगाया गया है, यह रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं हुई है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना महामारी की वजह से हुई मौतों की संख्या छिपाने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता ने मौतों की सही संख्या बताने की मांग की है। राहुल ने ट्विटर पर न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट का स्क्रीन शाट साझा करते हुए कहा है, श्मोदी जी न सच बोलते हैं, न बोलने देते हैं। वो तो अब झूठ बोलते हैं कि आक्सीजन की कमी से कोई नहीं मरा। मैंने पहले भी कहा था कि कोरोना से सरकार की लापरवाहियों से पांच लाख नहीं 40 लाख भारतीयों की मौत हुई। फर्ज निभाइए मोदी जी हर पीडिघ्त परिवार को चार लाख रुपए का मुआवजा दीजिए।श्