देश-विदेश

ऋषि सुनक के पीएम बनने से भारत-ब्रिटेन व्यापार वार्ता को मिल सकती है रफ्तार

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

नई दिल्ली, एजेंसी। ऋषि सुनक के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने से भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते के लिए चल रही बातचीत को गति मिलने की संभावना है। व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि भारतवंशी सुनक का पीएम बनना दोनों देश के लिए बेहद हितकारी साबित हो सकता है।
आपको बता दें कि ब्रिटेन और भारत के बीच में होने वाला ट्रेड एग्रीमेंट राजनीतिक घटनाक्रम के कारण अधूरा रहा गया। विशेषज्ञों के अनुसार, ब्रिटेन में राजनीतिक स्थिरता समझौते के लिए बातचीत को तेज करने में मदद करेगी। इस समझौते से देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
42 वर्षीय सुनक ने सोमवार को कंजरवेटिव पार्टी का नेतृत्व करने की रेस जीत ली है और अब वह ब्रिटेन के भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार हैं। उनके पीएम चुने जाने के बाद फेडरेशन अफ इंडियन एक्सपोर्ट अर्गनाइजेशन (के उपाध्यक्ष खालिद खान ने कहा कि यह भारत के लिए एक बहुत ही अच्छी खबर है। इससे निश्चित रूप से ट्रेड वार्ता को बल मिलेगा और बातचीत में तेजी आएगी। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बिस्वजीत धर ने कहा कि ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री पहले घरेलू मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं और अर्थव्यवस्था को व्यवस्थित करना उनकी प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि श्व्यापार सौदे तब नहीं होते जब कोई संकट होता है। वे तब होते हैं जब अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही होती है।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने 20 अक्टूबर को कहा था कि भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते के लिए बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है और दोनों पक्षों के जल्द ही एक समझौते पर पहुंचने की उम्मीद है। दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए समझौते पर बातचीत कर रहे थे। दोनों का लक्ष्य दिवाली (24 अक्टूबर) तक वार्ता समाप्त करना था, लेकिन वार्ताकार समय-सीमा के भीतर समझौते को अंतिम रूप नहीं दे पाए थे।
यूके, भारत में एक प्रमुख निवेशक है। 2021-22 में भारत ने 1़64 बिलियन अमरीकी डालर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया। अप्रैल 2000 और मार्च 2022 के बीच यह आंकड़ा लगभग 32 बिलियन अमरीकी डालर था। भारत से यूके को तैयार वस्त्र और कपडे, रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग सामान, पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उत्पाद, परिवहन उपकरण और भागों, मसाले, धातु उत्पाद आदि भेजे जाते हैं। जबकि भारत से यूके कीमती पत्थर, अयस्क और धातु स्क्रैप, इंजीनियरिंग सामान, पेशेवर उपकरण, अलौह धातु, रसायन और मशीनरी जैसी चीजों का आयात करता है।
सेवा क्षेत्र की बात करें तो यूके भारतीय आईटी सेवाओं के लिए यूरोप के सबसे बड़े बाजारों में से एक है। 2021-22 में भारत का निर्यात 10़5 बिलियन अमरीकी डलर था, जबकि आयात 7 बिलियन अमरीकी डलर था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!