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एलोपैथी चिकित्सकों को हतोत्साहित करने के बजाए उनका हौसला बढ़ाएं स्वामी रामदेव: अंजू मिश्रा

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हरिद्वार। महिला कांग्रेस की महानगर अध्यक्ष अंजू मिश्रा ने योग गुरु स्वामी रामदेव द्वारा एलोपैथी तथा इससे जुड़े चिकित्सकों के बारे में की गई टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि इस समय पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। हजारों लोगों की मौतें हो रही हैं और भारी संख्या में लोग कोरोना संक्रमित हैं। ऐसे में योग गुरु स्वामी रामदेव जैसे व्यक्तित्व से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह चिकित्सकों को हतोत्साहित करेंगे। बाबा रामदेव को चिकित्सकों को प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वामी रामदेव को अपने शब्द वापस लेकर उन चिकित्सकों का धन्यवाद ज्ञापित करना चाहिए जो अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की जिंदगी बचाने में जुटे हुए हैं। जरूरत पड़ने पर स्वामी रामदेव और उनके बालसखा आचार्य बालकृष्ण की जान भी एलोपैथिक चिकित्सकों ने ही बचाई थी। एक बयान में महानगर अध्यक्ष अंजू मिश्रा ने कहा कि कोरोना महामारी ने पूरी मानवता को हिला कर रख दिया है। लाखों लोग अकाल ही मौत का शिकार हो गए, बच्चे अनाथ हो गए और लॉकडाउन तथा कोरोना कफ्र्यू के चलते लोगों के रोजगार चले गए और उनके सामने भूखों मरने की नौबत आ गई है। ऐसे में सभी को सकारात्मक सोच के साथ हालात से लड़ना चाहिए। उन्होंने स्वामी रामदेव से सवाल किया कि पूर्व में भी हैजा, प्लेग, पोलियो जैसी महामारी फैलती थी और आयुर्वेद हमेशा से ही सम्मानित भारतीय चिकित्सा पद्धति रही है। लेकिन क्या आयुर्वेद महामारी से पीड़ितों को बचा पाया। उन्होंने कहा कि वह आयुर्वेद और उससे जुड़े चिकित्सकों का पूरा सम्मान करती हैं और आयुर्वेद हमेशा से ही भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सम्मान प्राप्त चिकित्सा पद्धति है। लेकिन यह भी स्पष्ट है कि प्रत्येक चिकित्सा पद्धति की अपनी एक सीमा होती है। आज के दौर में जीवन रक्षक प्रणाली की जब बात आती है तो सबसे पहले एलोपैथी इलाज की ही चर्चा होती है। उन्होंने कहा कि अतीत में देखें तो अगर कांग्रेस मुफ्त टीकाकरण नहीं कराती तो हमारे देश से पोलियो जैसी महामारी खत्म नहीं होती। अगर आज हमारे चिकित्सकों और विज्ञान ने इतनी सफलता प्राप्त नहीं की होती तो जितने लोग बचे हैं। उसमें भी शायद हम कईयों को बचा पाने में सफल नहीं होते। उन्होंने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण पाने में सरकार पूरी तरह विफल रही है। जब सरकार की कार्यप्रणाली पर कोई सवाल उठाता है तो सरकार तथा धर्म के कुछ ठेकेदार यह राग अलापना शुरू कर देते हैं कि धर्म खतरे में है । क्या हिंदू धर्म इतना कमजोर है कि छोटी-छोटी बातों से खतरे में पड़ जाता है। उन्होंने कहा कि हम भी हिंदू हैं, कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता हिंदू समाज से ही रहे हैं। लेकिन कांग्रेस हमेशा धर्मनिरपेक्षता और भाईचारे की बात करती है। धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाने में विश्वास नहीं रखते। उन्होंने कहा कि कोरोना के इस काल में किसी भी तरह के विवाद में ने पड़कर सभी को एकजुट रहते हुए कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए और लोगों को बचाना चाहिए।

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