कोटद्वार-पौड़ी

चक्का जाम जारी, जीएमओयू ने दी 20 मई से परमिट सरेंडर करने की चेतावनी

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
गढ़वाल मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड (जीएमओयूलि) ने 50 प्रतिशत यात्री क्षमता के साथ किराया दोगुना करने की मांग को लेकर रविवार को अनिश्चतकालीन चक्का जाम जारी रखा। यूनियन के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांग नहीं मानी जायेगी तो 20 मई से आरटीओ ऑफिस में बसों के परमिट सरेंडर किये जायेगें। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर पूर्व की भांति परमिट नवीनीकरण शुल्क, फिटनेस एवं लाईसेंस में एक वर्ष की छूट देने की मांग की है। साथ ही वाहनों के मोटर यान में भी एक वर्ष की छूट देने के लिए संबंधित विभागों को आवश्यक कार्यवाही करने के लिए निर्देशित करने की मांग की है।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए शासन ने यात्री वाहनों में पचास प्रतिशत सवारियों को ही अनुमति दी है। जीएमओयूलि प्रदेश सरकार से किराया दोगुना करने की मांग कर रही थी, लेकिन सरकार ने किराया दोगुना करने से इंकार कर दिया। जिस कारण 2 मई से जीएमओयूलि ने रविवार से अनिश्चितकालीन चक्का जाम शुरू कर दिया था, लेकिन 15 दिन बीत जाने के बावजूद भी सरकार उनकी मांग पर ध्यान नहीं दे रही है। जिससे कंपनी के वाहन स्वामियों व चालक-परिचालकों में रोष व्याप्त है। कोटद्वार से पहाड़ी मार्गों पर जीएमओयूलि की बसों का संचालन होता है। जबकि रोडवेज की सेवाएं कुछ ही मार्ग पर संचालित की जाती है। पहाड़ों में जीएमओयूलि को यातायात की रीढ़ माना जाता है। कंपनी बसों के पहिये जाम होने से पहाड़ी मार्गो पर यात्रा करने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
जीएमओयूलि के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल ने बताया कि यदि यात्री किराया दोगुना करने के लिए शासनादेश जारी नहीं किया जाता है तो 20 मई से कंपनी की बसों के परमिट संबंधित परिवहन कार्यालय में सरेंडर करने का निर्णय लिया गया है। 24 अप्रैल 2021 से आरटीओ और एआरटीओ कार्यालय बंद है और कार्यालयों में परिवहन संबंधी कोई भी कार्य नहीं हो रहे है। कार्यालय बंद होने से परमिट सरेंडर नहीं हो पायेगें। साथ ही वाहनों पर 1 जून 2021 से टैक्स भी आरोपित हो जाएगा। जीत सिंह पटवाल ने डॉ. रंजीत कुमार परिवहन सचिव उत्तराखण्ड सरकार देहरादून से वाहनों का माह मई 2021 का टैक्स जमा करने के साथ उनके परमिट सरेंडर करने की प्रक्रिया के लिए संबंधित आरटीओ व एआरटीओ कार्यालयों को निर्देशित करने की मांग की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!