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क्रिप्टोकरेंसी पर वैश्विक फ्रेमवर्क बनाना जरूरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने रखा प्रस्ताव

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नई दिल्ली, एजेंसी। आईएमएफ की ओर से क्रिप्टोकरेंसी की अर्थव्यवस्था पर एक सेमिनार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत की तरफ से एक बार फिर यह प्रस्ताव रखा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पूरी दुनिया में एक जैसा नियम बनाना जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे को अब ज्यादा दिनों तक टाला नहीं जा सकता।
भारत जी-20 की अध्यक्षता के दौरान इस बात की कोशिश कर रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सामान्य फ्रेमवर्क तैयार हो जिसे हर देश स्वीकार करे व लागू करे। सेमिनार में जी-20 के अधिकांश सदस्य देशों के वित्त मंत्री और इनके केंद्रीय बैंक के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
भारत ने फरवरी, 2023 में भी जी-20 के तहत वित्त मंत्रियों की बैठक में यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में जिस तरह का उतार-चढ़ाव क्रिप्टोकरेंसी क्षेत्र में देखा गया है, उसके मद्देनजर यह और भी महत्वपूर्ण हो गया है। इस माहौल में यह जरूरी है कि सभी देश एक सामान्य फ्रेमवर्क बनाने के लिए राजी हो।
आगे उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि अब ज्यादा देश इस बात को स्वीकार करने लगे हैं कि क्रिप्टो को लेकर वैश्विक नियम बनने चाहिए। दुनिया के एक हिस्से में कानून बनाकर क्रिप्टो पर लागू नहीं किया जा सकता। सीतारमण ने बताया कि इस बारे में उनकी आईएमएफ के साथ भी बातचीत चल रही है।
आईएमएफ सभी पक्षों से बात करने के बाद एक प्रपत्र जारी करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि सितंबर और अक्टूबर में इस बारे में स्थिति ज्यादा साफ होगी। सितंबर, 2023 में भारत की अगुवाई में जी-20 की शिखर बैठक दिल्ली में होनी है। बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा है और कई देश इसे स्वीकार भी कर रहे हैं लेकिन अभी तक इसके नियमन को लेकर कोई वैश्विक नियम नहीं है।
दुनिया के कुछ दूसरे केंद्रीय बैंकों की तरफ भारत के केंद्रीय बैंक आरबीआई का रुख इसको लेकर बहुत ही अलग है। आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार्यता देने के एकदम पक्ष में नहीं है। दूसरी तरफ, वित्त मंत्रालय की तरफ से पिछले दो वर्षों के भीतर कम से कम दो बार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कानून तैयार करने की कोशिश की गई है।

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