जंगलों को आग से बचाने लिये जन सहयोग की आवश्यकता: डीएम
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। डीएम विजय कुमार जोगदंडे ने कहा कि जंगलों को आग से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। डीएम ने वन, फायर, पुलिस व रेखीय विभागों के अधिकारियों की अलग-अलग टीमें बना नोडल अधिकारी नामित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को स्थानीय जन प्रतिनिधियों, वन पंचायत, संरपच, महिला व युवक मंगल दलों से सहयोग लिए जाने के निर्देश दिए। डीएम ने वनाग्नि नियंत्रण को लेकर जागरुकता अभियान चलाए जाने, गोष्ठियों के आयोजन, वॉल पेंटिंग किए जाने पर जोर दिया।
मंगलवार को जिलाधिकारी कार्यालय सभागार में वनाग्नि रोकथाम को लेकर अधिकारियों की समीक्षा बैठक में डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने कहा कि वनाग्नि वनों के लिए ही नहीं पूरे जीव जगत के लिए खतरा है। हमें सामूहिक प्रयास से वनों को आग से बचाना होगा। कहा कि जंगलों की आग से अनेकों प्रकार की वनस्पतियां, जड़ी-बूटियां, स्तनधारी, सरीसृप व उभयचर प्राणी अकाल मौत के शिकार हो जाते हैं। जिससे पूरी दुनियां को पारिस्थितिकी असंतुलन से जूझना पड़ सकता है। डीएम ने कहा कि गांव स्तर तक जंगलों की आग से नियंत्रण पाने के लिए जागरुकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है। वन विभाग के अधिकारियों को पुलिस, फायर, पेयजल निगम, जल संस्थान आदि विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ-साथ ग्रामीणों के साथ समन्वय बनाना होगा। कहा कि वनाग्नि से प्रभावित गांवों में जनहानि, पशुहानि सहित अन्य क्षति का तत्काल आंकलन कर मुआवजे की कार्रवाई में तेजी लाई जाय। डीएम विजय कुमार जोगदंडे ने कहा कि जंगलों में लग रही आग पर काबू पाने के लिए समय-समय पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाय। कहा कि मॉकड्रिल करते समय फायर कर्मी, पेयजल निगम, स्वास्थ्य विभाग, महिला मंगल दल, युवक मंगल दल, वन पंचायत संरपच व आपदा प्रबंधन तंत्र के बीच समन्वय बनाया जाय। कहा कि आग बुझाने के लिए मोबाइल टीमें भी गठित की जाय। कहा की मॉकड्रिल की फोटो व वीडियोग्राफी अवश्य की जाय। इस अवसर पर एडीएम डा. एसके बरनवाल, डीएफओ गढ़वाल केएस रावत, डीएफओ सिविल-सोयम सोहन लाल, लैंसडौन वन प्रभाग के एसडीओ गिरीश चंद्र बेलवाल आदि मौजूद रहे।