जंगल में बादल फटने से तबाही
बागेश्वर। नगर के नजदीकी गांव आरे के जंगल में मंगलवार की सुबह बादल फट गया। इससे जंगल से बहने वाले अस्थाई गधेरे उफान पर आ गए। बारिश के पानी के साथ भारी मात्रा में मलबा भी नीचे की ओर बहने लगा। इसके साथ ही बड़े-बड़े पत्थर व बोल्डर भी गिरने लगे। जंगल से आई आफत ग्रामीण नंदन राम की गोशाला को नष्ट कर गई। उनके एक साल पहले बने मकान में कई जगह दरारें पड़ गई। बॉथरूम भी मलबे में समा गया। गधेरे की जद में उनका पूरा मकान ही था, गनीमत रही कि पहाड़ से गिरे भारी बोल्डर ने उसका रास्ता बदल दिया। बोल्डर गधेरे में बहते हुए आया और मकान के पास ही जम सा गया। अगर विशालकाय बोल्डर मकान पर गिरा होता तो बड़ा हादसा होने से कोई नहीं रोक सकता था, लेकिन बोल्डर मकान और गधेरे के बीच में अड़ गया। इससे ग्रामीण का मकान और परिवार दोनों बच गया। हालांकि गधेरे के मलबे से उनका उपजाऊ जमीन और खेतों में खड़ी फसल को भारी नुकसान हुआ है। अन्य ग्रामीणों की जमीन भी मलबे में दब गई है।
जान की परवाह नहीं, उफनती नदी से निकाल रहे बजरी
गरुड़। बारिश के बाद क्षेत्र की पंचगढ़ी नदी भी उफान पर है। नदी का तेज बहाव आदमी को आसानी से बहाने की क्षमता रखता है। इस बात से बेखबर होकर मजदूर मंगलवार को नदी से रेता निकालने में जुटे रहे। बारिश में प्रशासन खतरे को देखते हुए लोगों से नदी किनारे से दूर रहने की सलाह देता है, लेकिन यहां का नजारा दूसरा ही है। तेज बहाव के बावजूद महिलाएं और पुरुष जान की परवाह किए बिना बजरी खनन करने में मशगूल दिखे। सब्जीसेरा क्षेत्र के लोगों ने बहाव में खनन करने पर रोक लगाने की मांग की। ताकि हादसे को टाला जा सके।