कोटद्वार-पौड़ी

कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र शुरू, भक्तों ने की मां शैलपुत्री की पूजा

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। शारदीय नवरात्र पर्व शनिवार से शुरू हो गया है। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है, मां शैलपुत्री  मनोवांछित फल देने वाली देवी है, माता मस्तक पर अर्धचंद्र धारण करने वाली, वृष पर आरुढ़ होने वाली, शूलधारिणी, यशस्विनी है। शारदीय नवरात्र के पहले दिन भक्तों ने मां शैलपुत्री की आराधना की। माता के भक्तों ने घरों में कलश की स्थापना कर माता का नौ दिन का व्रत शुरू किया। मंदिर परिसरों में धूप और सुगंध के साथ ही आस्था की बयार बह रही थी। माता के जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो रहा था।
शनिवार को शारदीय नवरात्र के पहले दिन देवी मंदिर, दुर्गा देवी मंदिर सहित माता के अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। पहले दिन व्रत पूजन के साथ श्रद्धालुओं ने मां शैलपुत्री की आराधना की। घर-परिवार व समाज में सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की गई। गौरतलब है कि नवरात्र पर्व पर लगातार नौ दिन तक मंदिर परिसर में विशेष धार्मिक आयोजन किए जाते हैं। सभी स्थानों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां के नौ रूपों की पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं। पंडित मुकेश चतुर्वेदी ने बताया कि नवरात्र के अवसर पर मां दुर्गा की उपासना करने से मानव का हर प्रकार से कल्याण होता है। नवरात्र में मां भगवती की पूजा समस्त मनोकामनाओं को पूरा करने वाली मानी जाती हैं, लेकिन अगर सही मुहूर्त में कुछ खास विधि-विधान के साथ मां के मंत्रों का जाप कर लिया जाए तो देवी नौ इच्छाओं के पूरा होने का वर दे देती हैं। शास्त्रों के अनुसार ऐश्वर्य तथा पराक्रम स्वरूप एवं इन दोनों को प्रदान करनेवाली मां दुर्गा की शक्ति नित्य के व्यावहारिक जीवन में आपदाओं का निवारण कर ज्ञान, बल, क्रियाशक्ति प्रदान कर, धर्म, अर्थ, काम की याचक की इच्छा से भी अधिक प्रदान कर जीवन को लौकिक सुखों से धन्य बना देती हैं।

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