उत्तराखंड

जाम से जूझता खटीमा, पुलिस प्रशासन नहीं दिला पा रहा निजात

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रुद्रपुर। शहर में जाम से निजात दिलाए जाने के लिए प्रशाशन की लाख कोशिश के बाद भी निजात नहीं मिल पा रही है। सुबह होते ही बाजार खुलने और स्कूल टाइम ,अफिस टाइम शुरू होते ही चार पहिया,दो पहिया वाहन की आवाजाही शुरू हो जाती है। टनकपुर मेलाघाट रोड पर बने फुटपाथ पैदल चलने के लिए बनाए गए थे जो जाम का सबब बन गए।सड़क के दोनो ओर बने पांच पांच फिट के फुटपाथ की वजह से मुख्य सड़क की चौड़ाई दस फिट कम हो गई,जिस मकसद से फुटपाथ बनाया गया था उसकी जगह दुकानदारों ने इस पर कब्जा जमा सामान रख लिया। सड़क से एक फिट ऊंचे बने होने के कारण भी कोई दोपहिया वाहन खड़ा नही करा सकता जिस वजह से दुकानों से समान लेने आए लोग अपनी बाइक सड़क के दोनो ओर खड़ी कर चले जाते है जिससे सड़क के दोनो ओर दोपहिया वाहन की वजह से दस फिट और अतिक्रमण हो जाता है। ऐसे में बड़े वाहनों के गुजरने के लिए सड़क बेहद संकरी हो जाती है और जाम लगना शुरू हो जाता है। मुख्य चौक पर ट्रैफिक कंट्रोल की गलत प्लानिंग भी जाम की वजह का दूसरा कारण है ,रोडवेज की बसे चौराहे पर सवारी उतारती है तो मुख्य चौक पर खड़ी प्राइवेट बसे जाम की बड़ी वजह बन रही है। सवारी भरने के इंतजार में खड़ी इन बसों को पुलिस और ट्रैफिक पुलिस कोई भी हटाने का प्रयास नही करती बल्कि बकायदा मुख्य चौक के नजदीक शहीद पार्क से पहले बस खड़ी करने का अड्डा दे दिया गया है। सोने पर सुहागा मुख्य सड़कों पर खड़े ठेले भी है जिनके खड़े होने से अतिक्रमण बड़ जाता है। सड़को पर पीक समय पर दुकानदारों के समान से भरे वाहन के लोडिंग अनलोडिंग से भी जाम की समस्या बनी रहती है। मुख्य चौक पर जहां ट्रैफिक के लिए स्टाफ तैनात रहता है वह भी आबादी और ट्रैफिक दबाव के चलते नाकाफी है। ऐसा नहीं है की प्रशाशन ट्रैफिक कंट्रोल के लिए प्रयास नही करता लेकिन जो है वह नाकाफी साबित हो रहा है। अगर कहा जाए रेंगता शहर खटीमा तो यह सही साबित होगा।

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