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कोटद्वार में अवैध खनन पर सख्त हुआ प्रशासन, अब तक 17 टै्रक्टर ट्रॉली व 5 डम्पर सीज, अवैध खनन में संलिप्त वाहनों पर कार्यवाही के निर्देश 

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। अवैध खनन को लेकर प्रशासन सख्त हो गया है। वन विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस की संयुक्त व अलग-अलग टीमें लगातार छापेमारी अभियान चला रही है। अब तक अवैध खनन व परिवहन में संलिप्त 17 टै्रक्टर ट्रॉली व पांच डंपर सीज कर दिये गये है। इस कार्रवाई से अवैध खननकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा ने बताया कि कोटद्वार भाबर क्षेत्र की खोह, मालन, सुखरो नदी में अवैध खनन को रोकने के लिए वन विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम का गठन किया गया है। इसके अलावा भी संबंधित विभागों को लगातार छापेमारी अभियान चलाने के निर्देश दिये गये है। उन्होंने बताया कि बीती रविवार रात को वन विभाग की टीम ने मालन नदी में छापा मारा। इस दौरान टीम ने अवैध खनन में संलिप्त पांच टै्रक्टर ट्रालियों को कब्जे में लिया। टीम टै्रक्टर ट्रालियों को लेकर रेंज कार्यालय ले आई, जहां उन्हें सीज कर दिया गया है। गत शनिवार रात को भी राजस्व विभाग की टीम ने कौड़िया चेक पोस्ट पर अवैध परिवहन कर रहे अवैध खनन सामग्री से लदे पांच डंपरों को सीज किया। पूर्व में भी 12 टै्रक्टर ट्रालियों को सीज किया गया है। एसडीएम ने बताया कि अवैध खनन को रोकने के लिए लगातार छापेमारी अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर ट्रालियों की भौतिक बनावट देखने से प्रतीत होता है कि वाहन स्वामियों द्वारा अवैध खनन एवं परिवहन किये जाने हेतु ट्रालियों की ऊंचाई मानक से अधिक बढ़ाइ गई है। जबकि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत हाईड्रोलिक सिस्टम लगाकर एवं मानकों से अधिक ऊंचाई कर वाहनों में किये जाने वाले किसी भी प्रकार का अल्टे्रशन (परिवर्तन) दण्डनीय अपराध है।
कोटद्वार परिवहन विभाग के कार्यालय में 228 टैक्टर कमर्शियल और 310 टै्रक्टर ट्रॉली कृषि में पंजीकृत है। कृषि में पंजीकृत अधिकांश टै्रक्टर ट्रॉली खनन कार्य में इस्तेमाल की जा रही है। जबकि कृषि में पंजीकृत टै्रक्टर ट्रॉली को व्यवसायिक में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। कोटद्वार भाबर की खोह, मालन और सुखरो नदी में पिछले काफी समय से दिन-रात अवैध खनन चल रहा है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों से रात के समय से अवैध खनन करने के लिए सैकड़ों मजदूर आते है तो सुबह होते ही वापस लौट जाते है। वहीं कोटद्वार के खनन कारी भी दिन-रात धड़ल्ले से अवैध खनन करते रहते है। प्रशासन से पिछले काफी समय से स्थानीय लोग शिकायत कर रहे थे, प्रशासन ने शिकायत का संज्ञान लेकर अब छापेमारी अभियान शुरू किया।
अवैध खनन में संलिप्त वाहनों पर कार्यवाही के निर्देश 
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा ने कहा कि प्रभारी तहसीलदार कोटद्वार द्वारा अवैध खनन में संलिप्त वाहनों को सीज किया जा रहा है। उन्होंने एटारटीओ को सीज किये गये वाहनों का स्थलीय निरीक्षण कर अभिलेखीय दस्तावेज प्राप्त करते हुए संबंधितों केविरूद्ध कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिये है। उन्होंने भविष्य में पकड़े जाने वाले वाहनों के विरूद्ध भी नियमानुसार कार्यवाही करने को कहा। इस संबंध में  उपजिलाधिकारी की ओर से सहायक परिवहन अधिकारी को पत्र भी भेजा गया है।
उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा ने बताया कि विगत 25 सितम्बर को तहसील कोटद्वार क्षेत्रान्तर्गत अवैध खनन के सम्बन्ध में राजस्व विभाग की टीम द्वारा खोह, मालन, सुखरो नदियों में छापेमारी की गई। इस दौरान 10 टै्रक्टर ट्रालियों अवैध खनन कार्यों में संलिप्त पायी गयी, जिन्हें सीज कर अवैध खनन, परिवहन व भंडारण नियमावली के विरूद्ध के अन्तर्गत कार्यवाही गतिमान है। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा अवैध खनन एवं परिवहन के विरूद्ध की जाने वाली छापेमारी की कार्यवाही के दौरान उक्त ट्रैक्टर ट्रालियों के वाहन चालक उनमें लगे हाईड्रोलिक सिस्टम के माध्यम से वाहन पर लदे अवैध आरबीएम आदि को यहां-वहां उलट देते है। इसके अतिरिक्त अवैध खनन एवं परिवहन के दृष्टिगत इन हाईड्रोलिक सिस्टम लगे ट्रालियों से अवैध खनन एवं परिवहन अधिक सुगमता से किया जाता है। एसडीएम ने बताया कि अभियान के दौरान पकड़े जाने रहे ट्रैक्टर ट्रालियों में से अधिकांश कृषि क्षेत्र में रजिस्टर्ड है, जबकि इन उपयोग कृषि कार्य हेतु न कर अवैध रूप से खनन जैसी वाणिज्यक गतिविधियों में किया जा रहा है। कृषि क्षेत्र में रजिस्टर्ड वाहनों द्वारा वाणिज्यक गतिविधियां मोटर व्हीकल एक्ट के अन्तर्गत दंडनीय अपराध है एवं इसके लिए भारी जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है।

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