कोटद्वार-पौड़ी

कोटद्वार पौड़ी मार्ग पर जगह-जगह पड़े गड्ढ़े, वाहन चालक परेशान

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कोटद्वार। राष्ट्रीय राजमार्ग 534 नजीबाबाद-बुआखाल कोटद्वार-दुगड्डा के बीच खस्ताहाल है। सड़कों पर जगह-जगह पड़े गहरे गड्ढे दुर्घटनाओं को न्योता दे रहे हैं। कोटद्वार-दुगड्डा के बीच सड़क पर कई जगह गहरे गड्ढ़े बने हुए है, लेकिन विभाग इस ओर ध्यान नहीें दे रहा है। जिस कारण हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। बरसात के समय इस मार्ग पर आवागमन किसी खतरे से कम नहीं है। बरसात होने पर पहाड़ी से जगह-जगह सड़क पर मलवा आ जाता है।
कोटद्वार गढ़वाल का प्रवेश द्वार है। कोटद्वार से पौड़ी-श्रीनगर तक जाने वाला नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-534 के नाम से जाना जाता है, लेकिन यह कोटद्वार-दुगड्डा के बीच बदतर हालात में है। सड़क पर जगह-जगह गड्ढ़े होने से वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई जगह पर तो सड़क के पुश्ते पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो रखे है। ऐसी स्थिति में थोड़ी सी भी लापरवाही दुर्घटना का कारण बन सकती है। उखड़ी और जगह-जगह क्षतिग्रस्त सड़क वाहनों चालकों और यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बनी है। इस मार्ग पर कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन लोनिवि का एनएच खंड धुमाकोट चुप्पी साधे बैठा है। बरसात होने पर मार्ग पर बने गड्ढ़ों में पानी भर जाता है। जिसकी वजह से यहां से यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को इस गड्ढे का अंदाजा नहीं पड़ता और उनके वाहन अनियंत्रित हो रहे हैं। जनता पिछले काफी समय से मार्ग की मरम्मत कराने की मांग कर रही है, लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हुई। जिसकी वजह से इस मार्ग से गुजरने वाले वाहन चालकों व यात्रियों को हर दिन आवागमन करते समय परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि इस मार्ग पर प्रतिदिन छोटे-बड़े मिलाकर हजारों वाहनों का आवागमन हर दिन होता है।
अरविंद जोशी अपर सहायक अभियंता एनएच खंड धुमाकोट का कहना है कि आमसौड़ से सिद्धबली मंदिर के पास लोक निर्माण विभाग के गोदाम तक 6 किमी. व फतेहपुर से डिग्री कॉलेज जयहरीखाल (गुमखाल) तक करीब 20 किमी. के डामरीकरण प्रस्तावित है। इसके लिए शासन से 10 करोड़ की स्वीकृति मिली है। वर्तमान में इस मार्ग पर डामरीकरण का कार्य चल रहा है। दुगड्डा की ओर से मार्ग का डामरीकरण कार्य कराया जा रहा है। बरसात से पूर्व मार्ग का डामरीकरण कार्य करा लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि आमसौड़ से एता 6 किमी. डामरीकरण का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। बजट की कमी के कारण प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हुआ। (फोटो संलग्न है)
कैप्शन03: कोटद्वार-दुगड्डा के बीच क्षतिग्रसत सड़क का पुश्ता।
कैप्शन04: कोटद्वार-दुगड्डा के बीच सड़क पर पड़े हुए गड्ढ़े।

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