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महाराष्ट्र के राज्यपाल व पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर

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नैनीताल। उत्तराखंड हाइकोर्ट के आदेश के बाद भी सुविधाओं का बकाया जमा नहीं करने पर पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई है। जिस पर हाईकोर्ट में कल सुनवाई हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट सुविधाओं के बकाया मामले में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, पूर्व सीएम बीसी खंडूरी के खिलाफ जारी अवमानना के नोटिस पर रोक लगा चुका है जबकि केंद्रीय शिक्षा मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री ड रमेश पोखरियाल निशंक बिजली, पानी का बकाया करीब 11 लाख जमा कर चुके हैं।
रूरल लिटिगेशन एंड एंटाइटेलमेंट केंद्र (रूलक) की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में पिछले साल पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास व अन्य सुविधाओं का बकाया छह माह में जमा करने के आदेश पारित किए थे। छह माह में बकाया जमा नहीं करने पर रूलक ने अवमानना याचिका दायर की। कोर्ट ने सरकार से पूछा था है कि आदेश का अनुपालन द्वारा क्यों नहीं किया गया है और क्यों नहीं इन पूर्व सीएम के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।
रुलक संस्था ने पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को संवैधानिक पद पर होने की वजह से संविधान के अनुटेद 361 के तहत नोटिस भेजा था। इसके तहत राज्यपाल व राष्ट्रपति के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने से पहले दो माह पहले सूचना देनी होती है। दस अक्टूबर को 60 दिन पूरे होने के बाद रूलक द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र के राज्यपाल के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई।
याचिका में कहा गया है कि मई 2019 में सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी आवासों का किराया व अन्य सुविधाओं का भुगतान छह माह के भीतर करने का आदेश पारित किया था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरिगुप्ता के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी पर आवास व अन्य सुविधाओं का बाजार दर के हिसाब से 47 लाख 57 हजार, 758 रुपये बकाया है। इसके अतिरिक्त बिजली पानी का बकाया भी है।

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