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मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला

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लखनऊ ,एजेंसी। कानपुर के चौबेपुर में दो व तीन जुलाई की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला कर सीओ सहित आठ जांबाजों का हत्यारा पांच लाख का इनामी विकास दुबे मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार हो गया है। विकास दुबे को अपनी गिरफ्त में लेने के लिए उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम चार्टर्ड प्लेन से इंदौर पहुंची थी। पहले विकास दुबे को चार्टर्ड प्लेन से लखनऊ लाने की योजना थी, लेकिन अचानक उसको सड़क मार्ग से लाया जा रहा है। उज्जैन में सरकारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद रात करीब 08़15 बजे विकास दुबे को लेकर टीम सड़क मार्ग से रवाना हो गई है। टीम के साथ मध्य प्रदेश पुलिस के जवान भी हैं। इधर, पुलिस ने विकास दुबे की पत्नी और बेटे को लखनऊ में ष्णनागर नगर स्थित घर से गिरफ्तार किया गया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने दुर्दांत विकास दुबे को गिरफ्तार कर लिया है। उज्जैन कोर्ट में लिखा पढ़ी के बाद उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने सीधे विकास दुबे को गिरफ्तार किया। उज्जैन में महाकाल थाने की पुलिस ने विकास दुबे को यूपी एसटीएफ को सौंप दिया है। अब उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम उज्जैन के बाद इंदौर से विकास दुबे को लेकर लखनऊ के लिए रवाना होगी। इससे पहले शहर के वकीलों ने कोर्ट में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। वकीलों की मांग है कि दुबे को कड़ी से कड़ी सजा मिले। उज्जैन में इस समय कोर्ट के बाहर भारी पुलिस बल तैनात है। विकास दुबे को उज्जैन के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में रखा गया। विकास दुबे ने उज्जैन पुलिस को बताया कि एनकाउंटर के डर से मैंने पुलिस पर फायरिंग की। वो पुलिसवालों के शव को जलाना चाहता था, इसलिए उसने लाशों को एक जगह इकट्ठा किया था। ऐसा नहीं कर पाया। उसने बताया कि कई पुलिसवालों से उसका संबंध है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उत्तर प्रदेश के दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को पकड़े जाने पर एमपी पुलिस को बधाई। मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के सम्पर्क में हूं। विकास दुबे को यूपी पुलिस को सौंपा जाएगा। दोनों राज्यों की पुलिस इस पर काम कर रही हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास दुबे की गिरफ्तारी पर कहा कि जिनको लगता है कि महाकाल की शरण में जाने से उनके पाप धूल जाएंगे, उन्होंने महाकाल को जाना ही नहीं। हमारी सरकार किसी भी अपराधी को बख्शने वाली नहीं है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखनऊ से एसटीएफ का एक दल विकास दुबे को लेने भेजा है। एसटीएफ की टीम विकास दुबे को चार्टर्ड प्लेन से लेकर शाम तक लखनऊ आ जाएगी। उत्तर प्रदेश की एसटीएफ की टीम भी उज्जैन पहुंच रही है। इसके बाद कानूनी औपचारिकता के बाद एसटीएफ की टीम विकास दुबे को अपनी कस्टडी में लेगी।विकास दुबे को उज्जैन से इंदौर रवाना किया जाएगा। उसकी मेडिकल जांच भी जा रही है, जिसमें कोरोना परीक्षण भी किया जाएगा। इसके अलावा मध्य प्रदेश पुलिस विकास दुबे की छह दिन की हिस्ट्री भी खंगालेगी।यह पता लगाने का प्रयास हो रहा है कि वह कब उज्जैन पहुंचा। किसके संपर्क में आया। महाकाल मंदिर प्रांगण के बाहर लखनऊ के रस्जिट्रेशन नम्बर की गाड़ी मिलने के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि विकास दुबे काफी तैयारी के साथ आया था। गाड़ी की नम्बर प्लेट पर हाई कोर्ट लिखा हुआ है, गाड़ी मनोज यादव के नाम पर रजिस्टर्ड है।उज्जैन के जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि विकास दुबे महाकाल का दर्शन करने मंदिर में जा रहा था। उसी समय सुरक्षाकर्मियों ने उसको पहचाना और कंट्रोल रूम को सूचना दी। इसके बाद विकास दुबे वहां पर चिल्ला-चिल्लाकर कहने लगा कि मैं ही विकास दुबे हूं। इसके बाद पुलिस की टीम ने उसको पकड़ा और कंट्रोल रूम में लेकर गई। कानपुर का कुख्यात गैंगस्टर और आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपित विकास दुबे उज्जैन में सुबह 7:45 अपने कुछ साथियों के साथ महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए आया था। इस दौरान वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों को शक हुआ तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिसकर्मी उसे चौकी लेकर पहुंचे। बाद में उज्जैन एसपी मनोज सिंह दुबे को गिरफ्तार कर कंट्रोल रूम ले गए। सीआरपीसी की धारा 72के अनुसार अगर किसी दूसरे प्रदेश की पुलिस किसी आरोपित को गिरफ्तार करती है तो उसे वहां की स्थानीय अदालत में 24 घंटे अंदर पेश करना होता है। स्थानीय अदालत से प्रत्यर्पण की अनुमति लेकर ही दूसरे प्रदेश की पुलिस उसे अपने क्षेत्र में ले जाती है। इस अनुमति को ही ट्रांजिट रिमांड कहते हैं।
विकास के बैग में मिला चाकू
विकास दुबे की उज्जैन के महाकाल मंदिर में गिरफ्तारी के बाद अब जांच आगे बढ़ रही है। पुलिस ने महाकाल मंदिर के पीटे लकर रूम से उसका काला बैग जब्त किया है। बैग में चाकू और कुछ कपड़े मिले हैं। विकास ने बैग लकर रूप में रखा था। पुलिस ने लकर रूम तथा जूता स्टैंड की भी तलाशी ली। पुलिस डग स्क्वायड के साथ तलाशी लेने पहुंची थी। लकर रूम में विकास का काला पिट्ठू बैग रखा मिला। जिसकी तलाशी लेने पर इसमें एक चाकू और कपड़े रखे मिले। जूता स्टैंड पर उसके जूते रखे हुए थे। जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। विकास दुबे उज्जैन के एक शराबी व्यापारी के घर रुका था। वहां पुलिस ने विकास की मदद करने के आरोप में चार लोगों को हिरासत में लिया है।मंदिर में जाने के लिए टिकट लेने के बाद विकास दुबे फूल लेने लगा। मास्क उतरने के बाद फूल वाले से विकास दुबे ने बातचीत की। फूल वाले को विकास दुबे की शक्ल पर शक हुआ था, जिसके बाद उसने प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड को विकास दुबे की जानकारी दी। प्राइवेट सिक्योरिटी के गार्ड एक पुलिस जवान के साथ महाकाल मंदिर र्केपस में दाखिल हुआ और उन्होंने विकास दुबे को पकड़ा। विकास दुबे से पूछताछ की तो वह जवाब नहीं दे पाया। गैंगस्टर विकास दुबे फर्जी आइडी लेकर उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंचा था। शंका होने पर जब उसे पुलिस चौकी लाया गया, तो उसने अपना नाम शुभम् बताया। आइडी में भी यही नाम था। इस पर पुलिस अफसर ने उससे मोबाइल नंबर डायल किया। ट्रू कलर में दुबे लिखा आया। जब पुलिस ने सख्ती की तो शातिर गैंगस्टर ने यह कबूल लिया कि वह विकास दुबे है। महाकाल चौकी से थाने जाते समय उसने चिल्ला-चिल्लाकर कहा कि मैं विकास दुबे, कानपुर वाला। विकास दुबे गुरुवार सुबह 7़45 बजे मंदिर पहुंचा था। बाहर एक दुकान पर उसने मंदिर में दर्शन करने की व्यवस्था पूछी। 250 रुपये की रसीद कटवाई और भीतर प्रवेश किया। इसी दौरान संबंधित दुकानदार और एक गार्ड को शंका हुई। तब शंका के आधार पर पकड़कर पुलिस चौकी लाया गया। पहले नाम गलत बताया दुबे ने पहले अपना नाम शुभम् बताया था। एक उप निरीक्षक ने उससे मोबाइल नंबर लेकर कल किया। ट्रू कलर पर दुबे लिखा आया। इस पर पुलिस ने सख्ती की तो विकास ने अपनी पहचान बता दी। इसके बाद ताबड़तोड़ पुलिस अधिकारियों को सूचना दी गई। फिर उसे महाकाल थाना ले जाया गया। यहां एसपी पहुंचे और फिर उसे अपने साथ लेकर पुलिस कंट्रोल रूम आए। विकास दुबे किसी पल के नाम की फर्जी आईडी का इस्तेमाल कर रहा था। वह तड़के राजस्थान के कोटा से सड़क के रास्ते उज्जैन पहुंचा था।

विकास दुबे ने मुंह खोला तो कई चेहरे होंगे बेनकाब
कानपुर। विकास ने पुलिस की गिरफ्त में मुंह खोला तो कई बड़े चेहरे बेनकाब हो जाएंगे। उज्जैन पुलिस और एसटीएफ की टीमें अज्ञात जगह पर रखकर उससे पूछताछ कर रही हैं। विकास से मिली सूचनाएं कानपुर पुलिस से भी शेयर की जाएंगी। माना जा रहा है कि पुलिस विकास से उन शरणदाताओं के बारे में पूछताछ कर सकती है जिनकी मदद से वह उज्जैन तक पहुंच गया। महाकाल मंदिर में गिरफ्तारी के बाद विकास के नजदीकियों की बेचौनी बढ़ गई है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर मदद करने वाले लोग मुश्किल में फंस सकते हैं। पुलिस विकास से अपने तरीके से पूछताछ करेगी। नेता, अफसर और अपराधी गठजोड़ का खुलासा हुआ तो कई मुश्किल में होंगे। हिस्ट्रीशीटर के साथ रहने वाले, मदद करने वाले तमाम लोग अभी से पसीना-पसीना हो रहे हैं कि विकास ने उनका नाम ले लिया तो पुलिस नींद हराम कर देगी। इस बात की संभावना भी है कि विकास उन चेहरों को भी बेनकाब कर दे जो सत्ता के गलियारे से इसकी मदद कर रहे थे।
कई नेताओं के संपर्क में था
पुलिस के साथ विकास दुबे के संबंधों के बारे में कुछ कहने की जरूरत नहीं। चौबेपुर थाने के निलंबित एसओ और बीट दरोगा केके शर्मा के खिलाफ एफआईआर और फिर गिरफ्तारी इसका सबूत है। विकास के राजनीतिक संबंधों को लेकर पूर्व में वीडियो जारी वायरल हुआ था। इसमें उसने सत्ताधारी नेताओं के अलावा जनप्रतिनिधियों का नाम लिया था। धड़कनें बढ़ीं विकास की गिरफ्तारी के साथ लखनऊ, कानपुर, मध्य प्रदेश में कई ऐसे बड़े लोगों की दिल की धड़कनें बढ़ा दी हैं। उनका नाम सामने आने के बाद उनकी मुश्किलें तेजी से बढ़ेंगी।
विकास का बडा कबूलनामा
दुर्दांत अपराधी विकास दुबे ने कहा कि घटना के बाद घर के ठीक बगल में कुएं के पास पांच पुलिसवालों की लाशों को एक के ऊपर एक रखा गया था, जिससे उनमें आग लगा कर सुबूत नष्ट कर दिए जाएं। आग लगाने के लिये घर में गैलनों में तेल रखा गया था। तेल से शवों को जलाने का इरादा था, लेकिन लाशें इकट्टठा करने के बाद उसे मौका नहीं मिला। फिर वह फरार हो गया। विकास दुबे ने शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के बारे में बताया कि उनसे मेरा नहीं बनती थी। कई बार वो मुझसे देख लेने की धमकी दे चुके थे। पहले भी बहस हो चुकी थी। विनय तिवारी ने भी बताया था कि सीओ तुम्हारे खिलाफ है। लिहाजा सीओ से गुस्सा था। सीओ को सामने के मकान में मारा गया था, लेकिन मैंने नहीं मारा। मेरे साथ के आदमियों ने दूसरी तरफ के आहाते से कूदकर मामा के मकान के आंगन में सीओ को मारा था। पैर पर भी वार किया था।

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