बिग ब्रेकिंग

म्यांमार में परेड के बाद बाद सेना की बर्बरता, तख्तापलट का विरोध करने वालों की बिछा दीं लाशें

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

यांगून,एजेंसी। म्यांमार की सेना ने देश की राजधानी में शनिवार को परेड के साथ वार्षिक सशस्त्र बल दिवस का अवकाश मनाया, वहीं देश के अन्य इलाकों में पिछले महीने हुए तख्तापलट के विरोध में हो रहे प्रदर्शन को दबाने के तहत सैनिकों और पुलिसकर्मियों द्वारा दर्जनों लोगों को मारे जाने की खबर है। शनिवार शाम तक मरने वाले लोगों का आंकड़ा 90 पार बताया गया है। ये मृतक करीब दो दर्जन शहरों और कस्बों से थे। यह आंकड़े इसे तख्तापलट के बाद से सबसे अधिक रक्तपात वाले दिनों में से एक बनाते हैं।
अनलाइन समाचार वेबसाइट श्म्यांमा नाउ ने बताया कि मृतकों का आंकड़ा 91 पहुंच गया है। यह दोनों ही संख्या तख्ता पलट के बाद इससे पहले के एक दिन में सर्वाधिक मौत के 14 मार्च के आंकड़ों से कहीं ज्यादा हैं। तब मृतकों की संख्या 74 से 90 के बीच कही जा रही थी। अपनी सुरक्षा के मद्देनजर नाम न जाहिर करने की इच्छा व्यक्त करने वाला यह शोधकर्ता आम तौर पर प्रतिदिन श्असिस्टेंस असोसिएशन अफ पलिटिकल प्रिजनर्स द्वारा जारी आंकड़ों का मिलान करता है। यह संस्था मृत्यु और गिरफ्तारी के आंकड़ों का ब्योरा रखती है और इसे पुख्ता सूत्र के तौर पर देखा जाता है।
इन हत्याओं को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक निंदा हुई है और म्यांमार में कई कूटनीतिक मिशनों ने बयान जारी किए हैं जिनमें शनिवार को बच्चों समेत नागरिकों की हत्या का जिक्र है। म्यांमार के लिए यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने ट्विटर पर कहा, श्श्76वां म्यांमा सशस्त्र बल दिवस आतंक और असम्मान के दिन के तौर पर याद किया जाएगा। बच्चों समेत निहत्थे नागरिकों की हत्या ऐसा त्य है जिसका कोई बचाव नहीं है।श्श्
आन सान सू ची की निर्वाचित सरकार को एक फरवरी को तख्तापलट के जरिये हटाने के विरोध में होने वाले प्रदर्शनों से निपटने के लिए प्रशासन ज्यादा ताकत का इस्तेमाल कर रहा है और ऐसे में म्यांमा में मरने वालों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। करीब 5 दशक के सैन्य शासन के बाद लोकतांत्रिक सरकार की दिशा में हुई प्रगति पर इस सैन्य तख्तापलट ने विपरीत असर डाला है।
एसोसिएशन अफ पलिटिकल प्रिजनर्स ने शक्रवार तक तख्तापलट के बाद हुए दमन में 328 लोगों की मौत की पुष्टि की थी। जुंटा प्रमुख वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने तख्तापलट के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों का प्रत्यक्ष जिक्र नहीं किया, लेकिन उन्होंने देश की राजधानी नेपीता के परेड मैदान में हजारों जवानों के समक्ष दिए भाषण में श्श् राज्य की शांति और सामाजिक सुरक्षा के लिए हानिकारक हो सकने वाले आतंकवाद का जिक्र किया और इसे अस्वीकार्य बताया। इस साल के कार्यक्रम को हिंसा को उकसाने वाले के तौर पर देखा जा रहा है प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि वे तख्तापलट का दोगुना सार्वजनिक विरोध करेंगे और बड़े प्रदर्शनों का आयोजन करेंगे। प्रदर्शनकारियों ने अवकाश को उसके मूल नाम श्प्रतिरोध दिवस के तौर पर मनाया जो द्वितीय विश्वयुद्घ में जापानी कब्जे के विरोध में बगावत की शुरुआत थी।
सरकारी एमआरटीवी ने शुक्रवार रात को एक घोषणा दिखाई थी और विरोध प्रदर्शनों में आगे रहने वाले युवाओं से अनुरोध किया था कि वे प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों से सबक सीखें कि उन्हें सिर में या पीठ पर गोली लगने का कितना खतरा है। इन प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा बलों का सबसे ज्यादा शिकार प्रदर्शन में आगे रहने वाले युवा बने हैं।
इस चेतावनी को व्यापक रूप से धमकी के तौर पर लिया जा रहा है क्योंकि मरने वालों में अधिकतर प्रदर्शनकारियों के सिर में गोली लगी थी जो इस बात का संकेत है कि उन्हें निशाना बनाया गया था। इस घोषणा में यह संकेत दिया गया कि कुछ युवा इन प्रदर्शनों को खेल समझकर हिस्सा ले रहे हैं और उनके माता-पिता और दोस्तों से अनुरोध किया कि वे उनसे इन प्रदर्शनों में शामिल न होने के लिए बात करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!