नई टिहरी। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर हिंदू नववर्ष व वासंती नवरात्र की शुरुआत सिद्धपीठ चंद्रवदनी सहित अन्य शक्ति पीठों पर कलश स्थापना के साथ हुई। प्रथम दिन मां के शैलपुत्री स्वरूप का पूजन हुआ। वहीं नववर्ष पर तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा आरोग्य व सुख समृद्धि के लिए भगवान रघुनाथ का पूजन किया गया। नव संवत्सर की शुरुआत घरों में नीम व आम की बौर खाकर की गयी। रविवार सुबह सिद्धपीठ चंद्रवदनी में मुख्य पुजारी पंडित राकेश भट्ट, पंडित सुनील भट्ट व पुरोहित आचार्य सुनील सेमल्टी द्वारा वेद मंत्रों के साथ कलश स्थापना की गयी व श्रद्धालुओं द्वारा घरों से लाई गई जौ को परंपरानुसार हरियाली के लिए डाला गया। पुजारगाँव वासी लोक वादक रमेश दास, उत्तम दास, भुन्नी दास व रतनी दास ने दुर्गा स्तुति व जागर से नौरता मंडयान की शुरुआत भी की। श्री चन्द्रवदनी मंदिर अध्यक्ष वीरेंद्रदत्त भट्ट, प्रबंधक आनंद भट्ट, सचिव बच्ची राम भट्ट , श्री कृष्ण भट्ट, नित्यानंद सेमल्टी, हरीश भट्ट,भगत राम भट्ट, सीताराम भट्ट सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां मौजूद रहे। वहीं देवप्रयाग नगर स्थित भुवनेश्वरी देवी, माता मंगला, चाका क्षेत्र में करणादेवी, भरपूर में चमराड़ा देवी आदि मंदिरों में भी घट स्थापना के साथ नवरात्रि पूजन का शुभारंभ हुआ। अलकनंदा भागीरथी के संगम पर तड़के से ही विभिन्न क्षेत्रों से ढोल-नगाड़ों के साथ देव डोलियां व निशान लेकर श्रद्धालु स्नान को पहुंचे। कई श्रद्धालुओं पर देवी भी अवतरित हुई।