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नीट परीक्षा देश से बाहर नहीं होगी, छात्रों को फ्लाइट से आने की अनुमति: सुको 

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नई दिल्ली। देश के बाहर से भारत पहुंचने वालों के लिए 14 क्वारंटाइन का नियम होने पर सर्वोच्च अदालत ने कहा कि जनता की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। लेकिन अदालत ने याचिकाकर्ताओं को स्वतंत्रता दी कि वे संबंधित राज्य के प्रशासन से इसमें राहत की मांग कर सकते हैं। न्यायाधीश एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल अजीज की याचिका पर सुनावाई कर रही थी। अजीज ने नीट में भाग लेने वाले मध्य-पूर्व के छात्रों की ओर से याचिका दाखिल की थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि अरब इलाके के करीब 4000 छात्र नीट में भाग ले रहे हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय फ्लाइटों पर प्रतिबंध के चलते वे भारत नहीं आ पा रहे हैं।अजीज ने अदालत से यह भी मांग की एमबीबीएस के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा या तो अनलाइन कराई जाए या कोई अन्य विकल्प उपलब्ध कराया जाए।
उनहोंने कतर समेत अन्य अरब देशों या गल्फ कोअपरेशन काउंसिल  में परीक्षा केंद्र बनाने की मांग की।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (छज्।) और मेडिकल काउंसिल अफ इंडिया दोनों ने याचिककर्ता की मांग का विरोध किया। इससे पहले शनिवार को एमसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया था कि देश के बाहर कोई भी परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। अगर ऐसा नहीं किया जाता तो नीट की एकरूपता से समझौता होगा और प्रश्नपत्र के लीक होने की संभावना बढ़ने के साथ ही गोपनीयता बरकरार रखना भी मुश्किल होगा।
अदालत ने कहा कि अरब देशों में फंसे छात्रों को कोई लाभ दिया जाए उसके लिए समय बहुत कम बचा है। हालांकि आने वाले सालों के लिए अदालत ने एमसीआई से कहा कि वे अनलाइन परीक्षा कराने पर भी विचार करें।
अदालत ने कहा कि अरब देशों, सिंगापुर और मलेशिया के काफी संख्या में छात्र नीट परीक्षा में भाग लेते हैं। ऐसे में एमसीआई नीट (छम्म्ज्) को अनलाइलन कराने पर विचार क्यों नहीं कर रही? विदेश में रहने वाले तमाम लोगों को इससे परेशानी से बचाया जा सकता है। खासतौर पर तब, जब जेईई की परीक्षाएं अनलाइन कराई जा रही हों। हालांकि अदालत ने मामले में ऐसा आदेश देने से मना कर दिया। (एजेंसी)

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