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नुपुर शर्मा ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, गिरफ्तारी पर रोक लगाने की लगाई गुहार

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नई दिल्ली, एजेंसी। नुपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित टिप्घ्पणी के लिए खुद पर दर्ज प्राथमिकियों में अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। यही नहीं नुपुर शर्मा ने देश भर में अपने खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकी को एक साथ क्घ्लब करने का निर्देश देने की मांग की है। मालूम हो कि नुपुर शर्मा के खिलाफ महाराष्ट्र समेत अन्घ्य राज्यों में कई एफआईआर दर्ज कराई गई हैं।
नुपुर शर्मा ने उच्चतम न्यायालय का रुख करते हुए कहा कि उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को उनकी टिप्पणियों को लेकर शीर्ष अदालत की कड़ी आलोचना के बाद लगातार दुष्कर्म और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने नुपुर शर्मा को कड़ी फटकार लगाई थी। शीर्ष अदालत ने कहा था कि आपके बयान से देश के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा है।
यही नहीं नुपुर शर्मा ने पहली जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की बेंच द्वारा की गई टिप्पणी को हटाने की मांग की। इसके कारण उन्हें एफआईआर को एक साथ जोड़ने की याचिका वापस लेनी पड़ी थी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने उनकी टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में दर्ज प्राथमिकी को क्लब करने की उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। साथ ही बेहद कठोर टिप्घ्पणियां की थी।
शीर्ष अदालत ने पैगंबर के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए कहा था कि उनकी बिगडे बोल ने पूरे देश में आग लगा दी है। देश में जो हो रहा है उसके लिए अकेले नुपुर जिम्मेदार हैं। कोर्ट ने नुपुर शर्मा की जान को खतरे की दलील पर कहा था कि इनको खतरा है या ये समाज के लिए खतरा हैं? जिस तरह से इन्होंने पूरे देश में भावनाएं भड़काई, उसी के चलते उदयपुर की घटना हुई। कोर्ट ने कहा कि बहुत देर हो गई। इनको अपने बयान के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।

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