कोटद्वार-पौड़ी

ऑनलाईन बैंकिंग फ्रॉड के जाल में ना आये, अपने खातों की जानकारी किसी को भी न दें 

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। आजकल एटीएम फ्रॉड से सम्बन्धित साईबर अपराधों के मामलों में अपराधियों द्वारा आम जनता को विभिन्न तरीको से झांसे मे लेकर उनके डेबिट/क्रेडिट कार्ड एवं ओटीपी की जानकारी प्राप्त कर उनके बैंक खातों से धनराशि निकाली जा रही है। इस प्रकार के गिरोह अधिकांशत: झारखण्ड व बिहार राज्यों से संचालित होने प्रकाश में आ रहे हैं। कोटद्वार में भी पूर्व में कई ऑनलाइन ठगी के मामले प्रकाश में आये थे। अधिकांश मामलों में जनपद की साइबर सेल पुलिस ने पीड़ितों की धनराशि वापस दिलाई है।
ऐसे प्रकरणों में अपराधी स्वयं को बैंक अधिकारी/एटीएम मुख्यालय/सेन्टर से वार्ता करने की बात कहकर प्रमुख रुप से निम्न बातो का झांसा देकर एटीएम की जानकारी प्राप्त करते है, हैलो मैं आपके बैंक से मैनेजर बोल रहा हूं, आपके एटीएम कार्ड की वैद्यता समाप्त हो रही है। आपके एटीएम कार्ड को आधार से लिंक करना है आपके डेबिट/क्रेडिट कार्ड को आधार से लिंक करना है। आपका डेबिट/क्रेडिट कार्ड ब्लॉक होने वाला है आदि-आदि की जानकारी लेने के बाद अपराधी उस व्यक्ति के खातो से विभिन्न ऑनलाईन पेमेन्ट गेटवे के माध्यम से ऑनलाईन शॉपिंग/अन्य बैंक खातों में स्थानान्तरित करा लेते है। यदि आपके द्वारा जानकारी नहीं दी जाती है तो उनके द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग भी किया जाता है। आम जनता को इस सम्बन्ध में जागरुक रहने की आवश्यकता है। वरिष्ठ उपनिरीक्षक प्रदीप नेगी ने जनता से अपील करते हुए कहा कि किसी भी अंजान व्यक्ति से फोन पर अपने बैंक से सम्बन्धित जानकारी शेयर न करें। अपने डेबिट/क्रेडिट कार्ड का नम्बर, पासवर्ड, पिन, सीवीवी किसी से शेयर ना करें। बैंक कभी भी आपके एटीएम/ खाते/पासवर्ड आदि गोपनीय जानकारी नहीं मांगता है। एटीएम मशीन में पिन नम्बर डालते समय की-पैड को अपने हाथों से छिपाते हुये प्रयोग करें। भीड़-भाड़ वाले और असुरक्षित स्थानों में एटीएम का प्रयोग सावधानीपूर्वक करें। एटीएम का प्रयोग करते समय अनजान व्यक्तियों से सहायता कभी न लें। समय-समय पर अपने एटीएम-डेविट कार्ड एवं के्रडिट कार्ड का पिन नम्बर बदलते रहे। यदि आपकी जानकारी के बिना आपके खाते से धनराशि आहरित होती है तो तत्काल अपने बैक शाखा में जाकर बैंक मैनेजर से सम्पर्क कर शिकायत दर्ज करायें। डेबिट/क्रेडिट कार्ड/बैंक धोखाधड़ी होने पर सूचना सम्बन्धित बैंक को देते हुए, तत्काल निम्न अभिलेखों सहित नजदीकी थाना एवं साईबर सैल पुलिस से सम्पर्क करें। एसएसआई ने बताया कि जागरूकता से ही साईबर ठगी से बचा जा सकता है।

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