उत्तराखंड

ट्री प्रोटेक्शन ऐक्ट में संशोधन का विरोध

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देहरादून। कई संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को ट्री प्रोटक्शन एक्ट में संशोधन का विरोध किया। प्रतिनिधिमंडल ने वन मुख्यालय में इस मामले में पीसीसीएफ विनोद सिंघल से वार्ता भी की। संयुक्त नागरिक संगठन के महासचिव सुशील त्यागी ने कहा कि एक्ट में संशोधन से राज्य में पर्यावरण को भारी नुकसान होगा। इससे आम लोगों के बजाए माफियाओं और बिल्डरों को ज्यादा लाभ होगा। उन्होंने मांग की कि पेड़ काटने की परमिशन प्रक्रिया आसान की जाए। ना कि एक्ट में संशोधन कर कटान की परिमशन को ही खत्म किया जाए। एक पेड़ कटान के बदले दस लगाने की शर्त भी रखी जाए। इस पर पीसीसीएफ विनोद सिंघल ने उन्हें बताया कि अभी ये केवल प्रस्ताव है। जिस पर विचार किया जाएगा। एक्ट में संशोधन हो या नहीं ये भी तय किया जाएगा। वार्ता में संयुक्त नागरिक संगठन के केजी बहल, सुशील त्यागी,पेंशनर्स संगठन के चौधरी ओमवीर सिंह, महिला मंच की कमला पंत, समानता मंच के एलपी रतूड़ी, जेपी कुकरेती, आंदोलनकारी मंच के प्रदीप कुकरेती, बैंक इंप्लाइज यूनियन के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन मेंदीरत्ता, वेस्टवारियर्स के नवीन सडाना, देवभूमि युवा संगठन के आशीष नौटियाल, हिमालयन पर्यावरण सोसाइटी के जगदीश बावला, क्षत्रिय चेतना मंच के आरएस र्केतुरा, आर टी आई कलब के आरएस धुन्ता, रेजिडेंट वेलफेयर असोसिएशन के दिनेश भंडारी, सिटिजन फर ग्रीन दून के हिमांशु चौहान, सोशल जस्टिस की आशा टम्टा, एसपी नौटियाल, प्रकाश नागिया, सुरेंद्र सिंह सजवान, मुकेश नारायण शर्मा, अरुणा थपरियाल, आरिफ वारसी, एसपी नौटियाल सहित अन्य समाजसेवी भी उपस्थित थे।

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