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पौधों का सर्वाइकल रेट बढ़ाने को लगातार हो मॉनीटरिंग

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देहरादून। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड कैंपा की बैठक में कहा कि वनों के विकास के लिए पौधारोपण के साथ ही उनकी सुरक्षा पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है। पौधों का सर्वाइवल रेट बढ़ाने के लिए लगातार मॉनीटरिंग की जाए। इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। सीएम ने ये भी कहा, वन विभाग रोजगार सृजन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। कोरोना संक्रमण के चलते गांवों को लौटे प्रदेशवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जल संरक्षण, पौधारोपण, नर्सरी विकास और वन संपति की सुरक्षा के क्षेत्र में रोजगार सृजित किए जा सकते हैं। इससे हमारे गांव और वन दोनों ही लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में कैंपा की बैठक हुई। इस दौरान सीएम रावत ने बुग्यालों के संवर्द्धन के लिए केयर नेट और पिरुल चेकडैम के साथ ही भीमल के इस्तेमाल पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि वन्य पशुओं से सुरक्षा के लिए सोलर फेंसिंग बहुत ही कारगर है, लेकिन सोलर फेंसिंग की सुरक्षा के लिए लोगों को भी जागरूक किए जाने की आवश्यकता है। मानव वन्यजीव संघर्ष रोकथाम के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने जल संवर्धन के लिए वन विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जल संवर्धन के लिए चेकडैम, चालखाल और ट्रेंच निर्माण के अच्छे परिणाम रहे हैं। वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि वन विभाग द्वारा वनों के संरक्षण और संवर्धन के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। श्रम विभाग ने लगभग 10 हजार लोगों को भीमल के लिए प्रशिक्षण दिया था। इन प्रशिक्षित लोगों का प्रयोग बुग्यालों के संवर्धन के लिए केयर नेट और पिरुल चेकडैम के निर्माण के लिए किया जा सकता है।
बैठक के दौरान अधिकारियों ने प्रस्तुतिकरण के जरिए उत्तराखंड कैंपा योजना के तहत पिछले तीन वर्षों का ब्यौरा पेश किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन आनंद वर्धन, प्रमुख वन संरक्षक जयराज, सचिव अमित नेगी और वन विभाग के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

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