ऋषिकेश। ऋषिकेश-मुनिकीरेती-तपोवन में वीकेंड पर अन्य प्रदेशों के पर्यटक वाहनों की भारी आमद से लोगों को जाम से जूझना पड़ा। स्थिति यह हुई कि कई पर्यटकों ने वाहनों में ही सड़क पर रात गुजारी। गूगल-मैप के माध्यम से कुछ पर्यटकों ने जाम से बचने के लिए शहरी गलियों का रुख किया, तो वह इन तंग गलियों रास्ता भटक गए। वीकेंड के जाम को लेकर पुलिस भी पूरी तरह से बेबस दिखी। पर्यटक वाहनों को रायवाला और अन्य रूटों से डायवर्ट करने के बावजूद भी इस वीकेंड जाम से निजात मिलती नहीं दिख रही है। पुलिस का कहना है कि हर शहर की पार्किंग क्षमता है, जिसमें तपोवन-मुनिकीरेती में करीब तीन हजार वाहनों को ही पार्क किया जाता है। जबकि, इस दफा वाहनों की संख्या 50 हजार से भी ज्यादा थी, जिसके चलते फिर से इस तरह पर्यटकों का सैलाब उमड़ा, तो डावर्जन के बाद भी राहत के लिए फिलहाल पुलिस के पास कोई रास्ता नहीं है। वहीं, ऋषिकेश में पर्यटक वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था ही नहीं है। यात्राकाल के लिए पुलिस जरूर अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था में जुटी है। हैरानी है कि पर्यटक सीजन की शुरुआत हो चुकी है। चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से प्रारंभ होने जा रही है, जिसमें शनिवार-रविवार की ऐसी ही भीड़ आने पर भीषण ट्रैफिक संकट खड़ा हो सकता है। हालांकि, सोमवार को जाम तो रहा, लेकिन वीकेंड जैसे हालात नहीं थे। फिर भी सोमवार को इन हालातों अगले वीकेंड पर निपटने के लिए कोई भी सरकारी करसत नजर नहीं आई।
हर किसी को जाना मुनिकीरेती-तपोवन: हरियाणा, दिल्ली और यूपी के लोगों की टूरिस्ट डेस्टीनेशन मुनिकीरेती-तपोवन बन गया है। इसमें भी सर्वाधिक आमद तपोवन में है। इसके आसपास के इलाके शिवपुरी, ब्रह्मपुरी और यमकेश्वर के भी कई क्षेत्रों का रुख पर्यटक कर रहे हैं, जिसके चलते इन क्षेत्रों में वाहनों की पार्किंग की क्षमता की कमी है। अधिकांश पर्यटक भी यहां सैर-सपाटे के लिए होटल आदि में बगैर बुकिंग के ही सीधे पहुंच जा रहे हैं, जिससे उन्हें सड़कों पर वाहनों में ही रात गुजारने के लिए भी मजबूर होना पड़ रहा है। जाम का एक मुख्य कारण पुलिस की नजर में यह भी है।
तीन प्लान, फिर भी राहत नहीं : पुलिस ने अत्याधिक भीड़ होने पर जाम से निपटने के लिए ऋषिकेश के लिए तीन प्लान बनाए हैं। इनमें प्लान-ए के तहत बाहरी राज्यों के वाहनों को श्यामपुर पुलिस चौकी से हरिद्वार बाईपास मार्ग पर डायवर्ट कर इंद्रमणि बडोनी चौक से आगे भेजा जाता है। प्लान-बी में नेपालीफार्म से वाहनों को भानियावाला की तरफ डायवर्ट कर रानीपोखरी से ऋषिकेश भेजा जाता है। जबकि, प्लान-सी नेपालीफार्म डायवर्जन से होते हुए वाहनों को रानीपोखरी में गुजराड़ा मार्ग से नरेंद्रनगर और फिर भद्रकाली तरफ भेजा जाता है। इस वीकेंड पर यह तीनों प्लान लागू किए गए, लेकिन तीनों ही प्लान लागू करने के बावजूद ट्रैफिक जाम की समस्या से लोगों को राहत नहीं मिली।
सोमवार को भी बिगड़े रहे हालात : शनिवार-रविवार को भीषण जाम के बाद सोमवार को ऋषिकेश क्षेत्र में इस समस्या में मामूली सुधार रहा। हालांकि, हरिद्वार बाईपास मार्ग से लेकर शहर के मुख्य मार्ग पर ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रही। यहां के घरों की वापसी के लिए हरियाणा, दिल्ली, यूपी व अन्य राज्यों के पर्यटक वाहनों ने सुबह से फर्राटा भना शुरू किया, तो फिर से जगह-जगह जाम लग गया। तीसरे दिन भी जाम लगने से स्थानीय लोगों को फजीहत झेलनी पड़ी। जाम के चलते पर्यटकों को भी खासी दुश्वारियां पेश आई। मार्गों पर वाहनों के अत्याधिक दबाव के चलते ट्रैफिक सुचारु रखने को तैनात पुलिसकर्मी भी बेबस दिखे।
वीकेंड पर ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए पुलिस हरसंभव प्रयास कर रही है। मुनिकीरेती क्षेत्र में वाहनों के फंसने की वजह से ऋषिकेश में इस तरह की दिक्कतें पेश आ रही हैं। बावजूद, तीर्थाटकों, पर्यटकों व स्थानीय लोगों को सुगम आवागमन की सुविधा उपलब्ध, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। -जया बलोनी, एसपी, ऋषिकेश
ट्रैफिक व्यवस्था सुधारे पुलिस: नीलम
मुनिकीरेती क्षेत्र में बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए नगर पालिका अध्यक्ष नीलम बिजल्वाण ने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने जाम की समस्या से अवगत कराते हुए इससे निजात के लिए गहन चर्चा की। शनिवार-रविवार को वीकेंड पर नगर की गलियों में बाहरी और भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने को कहा। थानाध्यक्ष प्रदीप चौहान, ट्रैफिक निरीक्षक उमा दत्ता सेमवाल, एसएसआई योगेश पांडेय, ईओ अंकिता जोशी आदि मौजूद रहे।